November 22, 2025

MS Dhoni ने ‘सम्मान’ को मार दी ठोकर? झारखंड सरकार ने रहने को दी थी जमीन, माही ने वहां बनवा दिया डायग्नोस्टिक सेंटर

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MS Dhoni : महेंद्र सिंह धोनी को झारखंड सरकार द्वारा गिफ्ट में दी गई जमीन के व्यावसायिक इस्तेमाल पर विवाद खड़ा हो गया है। क्या ‘शौर्य’ अब हॉस्पिटल बन चुका है? जानें पूरा मामला।

dhoni houde
MS Dhoni का घर

आनंद कुमार

MS Dhoni, भारतीय टीम के पूर्व कप्तान जिन्हें माही, कैप्टन कूल, एमएसडी, थाला और रांची का राजकुमार जैसे नामों से जाना जाता है, अकेले ऐसे कप्तान हैं, जो उपलब्धियों के मामले में किसी भी भारतीय क्रिकेट कप्तान से आगे हैं। धौनी काफी साल पहले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से रिटायर हो चुके हैं, लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से अभी भी आईपीएल में खेलते दिखते हैं। रिटायरमेंट के बाद भी धौनी इतने लोकप्रिय हैं कि उन्हें आज भी ढेरों कमर्शियल विज्ञापन मिलते हैं।

धौनी रांची के रहनेवाले हैं। उनके पिता पान सिंह धौनी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी मेकन में काम करते थे तो धौनी के जीवन का बड़ा हिस्सा मेकन की श्यामली कालोनी के क्वार्टर में बीता. लेकिन अंतराराष्ट्रीय क्रिकेट में धौनी के करिश्मे ने उन्हें रातोरात सुपरस्टार बना दिया और झारखंड सरकार ने उन्हें उनकी उपब्धियों के लिए सम्मानित करते हुए वीआईपी मानी जानेवाली हरमू हाउसिंग कालोनी में प्राइम लोकेशन पर पांच हजार स्क्वायर फुट का एक प्ल़ॉट गिफ्ट किया।

धौनी ने इस प्लॉट के ठीक पीछे पांच हजार स्क्वायर फुट का एक और प्लॉट किसी अन्य व्यक्ति से खरीदा और कुल दस हजार स्क्वायर फुट जमीन पर एक आलीशान घर बनवाया, जिसका नाम उन्होंने “शौर्य” रखा। काफी दिनों तक धौनी इसी घर में रहा करते थे और उनकी एक झलक पाने के लिए वहां काफी भीड़ लगा करती थी। बाद में धौनी ने रातू के सिमलिया में एक विशाल और आलीशान फार्म हाउस बनवाया, जहां वे अपने परिवार के साथ रहते हैं और खेती-बाड़ी और पशुपालन भी करते हैं।

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सिमलिया वाले फार्म हाउस में शिफ्ट होने के बाद काफी दिन तक हरमू हाउसिंग कालोनी का घर बंद रहा, लेकिन पिछले साल यह घर विवादों में आ गया। 2024 के दिसंबर महीने में महेंद्र सिंह धौनी ने हरमू के आवास पर न्यूबर्ग पल्स डायगनोस्टिक सेंटर का बोर्ड लग गया। इस बोर्ड पर ‘पावर्ड बाई एमएस धौनी’ लिखा है.

श्यामली कालोनी के इसी घर में रहकर धौनी बने क्रिकेटर।

इससे साफ है कि धौनी ने अपने हरमू रोड स्थित घर का व्यावसायिक इस्तेमाल किया है, जो कि आवास बोर्ड के नियमों का उल्लंघन है। धौनी के आवास के व्यावसायिक इस्तेमाल की खबर चर्चा में आने पर झारखंड राज्य आवास बोर्ड ने आपत्ति जतायी। बोर्ड का कहना है कि धौनी को यह जमीन सरकार द्वारा आवासीय उपयोग के लिए दी गई थी। बोर्ड के मुताबिक अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो धौनी को नोटिस भेजा जाएगा और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

बोर्ड के अध्यक्ष संजय लाल पासवान का एक बयान पिछले साल दिसंबर में मीडिया में आया था कि आवासीय भूखंडों का उपयोग आवासीय उद्देश्यों के लिए ही किया जा सकता है। अगर आरोप सही पाये जाते हैं, तो धौनी को नोटिस भेजा जा सकता है और आवश्यक कार्रवाई की जा सकती है।

बोर्ड ने यह भी कहा है कि आवासीय भूखंडों का व्यावसायिक उपयोग करने वाले लगभग 300 लोगों को नोटिस जारी किया जा चुका है।

महेंद्र धौनी की तरफ से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है और आवास के व्यावसायिक इस्तेमाल पर बोर्ड की ओर से पिछले छह महीने में किसी तरह की किसी कार्रवाई की सूचना नहीं है।

धौनी अब रांची के पास सिमलिया में अपने आलीशान फॉर्म हाउस में रहते हैं।

धौनी का यह घर 2007 में भी चर्चा में आया था. हरमू कालोनी के लोगों ने शिकायत की थी कि हरमू में पानी की जबर्दस्त किल्लत है। लोगों को पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है और धौनी के घर में स्वीमिंग पूल के लिए रोज 15 हजार लीटर पानी इस्तेमाल होता है। हालांकि इस मामले में धौनी को राहत मिल गयी थी।

17 मार्च 2007 को वेस्टइंडीज की मेजबानी में खेले जा रहे एकदिवसीय विश्व कप मैच में बांग्लादेश के हाथों भारत की हार के बाद नाराज फैंस ने धौनी के इसी घर में घुसकर तोड़फोड़ की थी। धौनी उस मैच में शून्य पर आउट हो गये थे और भारत लीग स्टेग में ही वर्ल्ड कप से बाहर हो गया था।

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धौनी नि:संदेह झारखंड की शान हैं और उन्होंने देश-दुनिया में रांची और झारखंड वासियों का मान-सम्मान बढ़ाया है। साथ ही खेल के मैदान पर अपने व्यवहार से भी काफी सम्मान अर्जित किया है। लेकिन सरकार से उपहार में मिले रिहाइशी प्लॉट को व्यावसायिक उपयोग के लिए दिये जाने के उनका फैसला हैरान करनेवाला है। धौनी को पैसे की कोई कमी नहीं है।

सरकार ने उन्हें जमीन मुफ्त में दी थी और इसलिए दी थी क्योंकि उस वक्त उनके पास रांची में न कोई अपनी जमीन थी और न मकान। लेकिन आज जब धौनी सैकड़ों करोड़ के मालिक हैं। देश भर में उनकी कई संपत्तियां हैं और वे कई सालों तक झारखंड के सबसे बड़े इंडीविजुअल टैक्स पेयर भी रहे हैं, तो क्या यह बेहतर नहींं होता कि उपहार में मिली जमीन पर बने मकान का उपयोग वे खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए करते।

कई लोगों ने मुझसे कहा कि धौनी ने इस मकान को बिजनेस के लिए इस्तेमाल करके अच्छा नहीं किया। वे इसमें बाहर से आकर रांची में ट्रेनिंग लेनेवाले उभरते खिलाड़ियों के लिए हॉस्टल बना सकते थे। या उनके लिए कोई ट्रेनिंग फैसिलिटी या जिम आदि बना सकते थे। ऐसा कुछ करते जिससे रांची और झारखंड के क्रिकेटरों को लाभ होता या उन्हें प्रेरणा मिलती। लेकिन अपने लाभ के लिए उपहार में मिली जमीन पर उन्होंने डायग्नोस्टिक सेंटर बना दिया।

एक तो आवास बोर्ड की जमीन का व्यावसायिक उपयोग और ऊपर से उपहार में मिली सरकारी जमीन से लाभ कमाने जैसा प्रयास धौनी जैसे महान खिलाड़ी को शोभा नहीं देता। अगर उन्हें डायग्नोस्टिक सेंटर ही खोलना था, तो पीछेवाले हिस्से में खोलते, जिसे उन्होंने खरीदा था। उपहार की जमीन पर कमर्शियल सेंटर नहीं बनाया जाना चाहिए था।

निजी क्षेत्र को सरकार की तरफ से अगर शैक्षणिक, औद्योगिक अथवा व्यावसायिक उपयोग के लिए सरकारी जमीन दी जाती है, तो उसमें यह प्रावधान रहता है कि अगर वे किसी अन्य उद्देश्य के लिए उस जमीन का उपयोग नहीं कर सकते। जिस उद्देश्य से जमीन ली गयी है, उस उद्देश्य की अवहेलना हुई अथवा जमीन का उपयोग ही नहीं हुआ, तो सरकार को अधिकार है कि वह उस जमीन को वापस ले सकती है।

रांची में अगर कोई गरीब अपना पेट पालने के लिए सड़क किनारे या फुटपाथ पर एक रेहड़ी, गुमटी या ठेला लगा देता है, तो नगर निगम न सिर्फ अतिक्रमण के नाम पर उसे हटा देता है, बल्कि उसकी रेहड़ी, गुमटी और ठेका भी तोड़ कर बर्बाद कर देता है, लेकिन धौनी जैसे सैकड़ों लोग हैं जो आवास बोर्ड की रिहाइशी जमीन पर और मकानों में ठाठ से कारोबार कर रहे हैं। सरकारी जमीनें तक हथियाये बैठे हैं। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती।

धौनी को सरकार ने रहने के लिए रिहायशी प्लॉट दिया था। अगर धौनी अब वहां नहीं रह रहे, तो उन्हें यह जमीन सरकार को लौटा देनी चाहिए थी और उन्होंने सरकार को नहीं लौटाई तो अब सरकार को उस जमीन का आवंटन रद्द कर देना चाहिए और उस प्लॉट को अपने अधिकार में ले लेना चाहिए ताकि जमीन जिस उद्देश्य के लिए है, उसका उसी रूप में उपयोग हो। धौनी ने अपने खेल से हमें खुशी के बहुत सारे पल दिये हैं, लेकिन उनकी इस एक हरकत ने मेरी नजर में उनका सम्मान बहुत घटा दिया है।

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