खुशखबरी! Maiya Samman Yojana से मिला स्वावलंबन का नया रास्ता | रांची में बदल रही हजारों महिलाओं की जिंदगी
झारखंड की Maiya Samman Yojana’ बन रही है महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का ज़रिया। रांची में चूजे, बतख और बकरी वितरण के जरिए महिलाएं आजीविका से जुड़ रहीं हैं। जानिए उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री की मॉनिटरिंग से कैसे बदल रही है तस्वीर।
Maiya Samman Yojana : हजारों महिलाओं को बकरी पालन और अंडा उत्पादन से मिल रहा नया जीवन

Maiya Samman Yojana Ranchi : झारखंड सरकार द्वारा संचालित Maiya Samman Yojana (मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना) अब रांची जिले की हजारों महिलाओं के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता का ज़रिया बन चुकी है। इस योजना के तहत महिलाओं को न सिर्फ प्रतिमाह आर्थिक सहायता मिल रही है, बल्कि जिला प्रशासन की पहल से उन्हें आजीविका से जुड़ी गतिविधियों जैसे बकरी पालन और अंडा उत्पादन में प्रशिक्षित कर सशक्त बनाया जा रहा है।
झारखंड की ‘मंईयां सम्मान योजना’ बन रही है महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का ज़रिया। रांची में चूजे, बतख और बकरी वितरण के जरिए महिलाएं आजीविका से जुड़ रहीं हैं। जानिए उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री की मॉनिटरिंग से कैसे बदल रही है तस्वीर।
रांची जिला प्रशासन द्वारा मई 2025 तक 6844 लाभार्थी महिलाओं के बीच 213409 चूजों, 1347 महिलाओं के बीच 18819 बतख और 1522 महिलाओं के बीच 5253 बकरियों का वितरण किया गया है। इन संसाधनों के माध्यम से महिलाएं अब अपने परिवार की आमदनी में सहयोग कर रही हैं और गांवों में एक नई आर्थिक ऊर्जा का संचार हो रहा है।
उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी मंजूनाथ भजन्त्री की अगुवाई में रांची जिले में इस योजना की सघन मॉनिटरिंग की जा रही है। हाल ही में उन्होंने मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना, Potential Entrepreneurship Programme और अबुआ ग्रुप्स की प्रखंडवार समीक्षा की। बैठक में उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि योजनाओं की सिस्टमेटिक मॉनिटरिंग सुनिश्चित हो और लाभुकों तक संसाधन समयबद्ध तरीके से पहुंचें।

उपायुक्त ने यह भी निर्देश दिया कि जिन प्रखंडों में शिकायतें सामने आ रही हैं, वहां अबुआ ग्रुप्स की कार्यप्रणाली की विशेष समीक्षा की जाए और समाधान तत्काल हो। साथ ही, Potential Entrepreneurship Programme के तहत 100 योग्य उद्यमियों का चयन तय मानकों के अनुरूप करने का निर्देश भी दिया गया।
जिला प्रशासन की योजनागत गतिविधियों की प्रगति की ऑनलाइन समीक्षा करते हुए उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने 11 जुलाई की देर शाम मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना, संभावित उद्यमिता कार्यक्रम (Potential Entrepreneurship Programme) और अबुआ ग्रुप्स की कार्यप्रणाली पर विस्तार से चर्चा की। इस वर्चुअल बैठक में सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक, जिला पशुपालन पदाधिकारी, अग्रणी जिला बैंक प्रबंधक, जीएम (डीआईसी), डीपीएम (जेएसएलपीएस), सभी प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक, नीति आयोग से जुड़े यंग प्रोफेशनल्स समेत अन्य संबद्ध अधिकारी उपस्थित रहे।
जिला प्रशासन की तरफ से इस संबंध में जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि ‘मंईयां सम्मान योजना’ (Maiya Samman Yojana) का उद्देश्य न सिर्फ महिलाओं को आर्थिक सहायता देना है, बल्कि उन्हें स्वावलंबी और उद्यमशील बनाना भी है। इस योजना के माध्यम से अब महिलाएं पारंपरिक भूमिकाओं से बाहर आकर खुद निर्णय लेने लगी हैं। अंडा उत्पादन से जुड़ी महिलाओं को बाजार में अंडों की बिक्री से नियमित आय हो रही है, वहीं बकरी पालन से जुड़े लाभार्थियों ने दुग्ध और मांस उत्पादन से बेहतर मुनाफा कमाना शुरू कर दिया है।

यह पहल ग्राम स्तर पर महिला सशक्तिकरण का एक बेहतरीन उदाहरण बन रही है, जहां सरकारी योजना के साथ स्थानीय प्रशासन और समुदाय का सहयोग जुड़कर स्थायी विकास की दिशा में कार्य कर रहा है।
विशेष बात यह है कि यह योजना केवल आर्थिक पहलू तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे जुड़ी महिलाएं आत्मविश्वासी और सामाजिक रूप से सशक्त हो रही हैं। जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों से उन्हें तकनीकी और व्यावसायिक जानकारी भी दी जा रही है, जिससे वे उद्यम को बेहतर ढंग से संचालित कर सकें।
झारखंड के अन्य जिलों के लिए रांची का यह मॉडल उदाहरण बन सकता है। यदि राज्य के सभी जिलों में इसी तरह योजनाओं की मॉनिटरिंग, वितरण और फॉलोअप किया जाए, तो राज्य में महिला सशक्तिकरण की तस्वीर पूरी तरह से बदल सकती है।
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