झारखंड : झारखंड शराब नीति घोटाला: ACB ने IAS विनय चौबे को किया गिरफ्तार, गजेंद्र सिंह भी हिरासत में

Ranchi : झारखंड में कथित शराब नीति घोटाले की जांच के सिलसिले में राज्य के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी से पहले उनसे करीब छह घंटे तक पूछताछ की गई, जिसके दौरान मेडिकल जांच भी करवाई गई।
सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई 31 मार्च 2022 से लागू की गई नई उत्पाद नीति से संबंधित अनियमितताओं को लेकर की गई है। उस दौरान विनय चौबे उत्पाद विभाग के सचिव के पद पर कार्यरत थे। प्रारंभिक पूछताछ में एसीबी ने पाया कि नई नीति लागू करने से पहले उन्होंने जनवरी 2022 में रायपुर जाकर छत्तीसगढ़ के अधिकारियों के साथ चर्चा की थी।
इसी मामले में उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह को भी हिरासत में लिया गया है। ACB ने दोनों अधिकारियों की 5 दिन की रिमांड की मांग की है।
फर्जी होलोग्राम और नकली शराब के जरिए हुआ करोड़ों का नुकसान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नई उत्पाद नीति के लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ से जुड़े एक कथित सिंडिकेट ने झारखंड में सक्रिय रूप से अवैध शराब और नकली होलोग्राम का कारोबार किया, जिससे राज्य सरकार को भारी राजस्व क्षति हुई।
पूर्व में इस मामले की जांच के क्रम में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी विनय चौबे और गजेंद्र सिंह के परिसरों पर छापेमारी की थी, जिसमें आईफोन सहित कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज जब्त किए गए थे।
छत्तीसगढ़ घोटाले से भी जुड़ा है तार
यह घोटाला छत्तीसगढ़ में वर्ष 2019 से 2022 के बीच सामने आए बड़े शराब घोटाले से भी जुड़ा बताया जा रहा है। वहां के वाणिज्य विभाग के तत्कालीन सचिव अनिल टुटेजा, राज्य मार्केटिंग कॉरपोरेशन के एमडी अरुणपति त्रिपाठी और व्यवसायी अनवर ढेबर को उस मामले में आरोपी बनाया गया था।
झारखंड में दर्ज एक जनहित याचिका में यह आरोप लगाया गया कि नई शराब नीति उन्हीं लोगों के इशारे पर बनाई गई, जो छत्तीसगढ़ घोटाले में पहले से आरोपी हैं। इसी आधार पर झारखंड ACB ने समानांतर जांच की प्रक्रिया शुरू की थी, जिसके तहत अब विनय चौबे को आधिकारिक रूप से आरोपी मानते हुए हिरासत में लिया गया है।
