Covid cases in Ranchi: राजधानी में कोरोना केस बढ़े, 22 सक्रिय मरीज, 505 की हो चुकी है जांच
Covid cases in Ranchi तीन दिनों में संक्रमण दर में दिखी हल्की बढ़त, डॉक्टर बोले—ज्यादातर मरीज 5-7 दिन में हो रहे स्वस्थ

Covid cases in Ranchi Ranchi : झारखंड की राजधानी रांची में कोरोना संक्रमण के मामलों में एक बार फिर से हल्की बढ़ोतरी देखी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी की गई ताजा रिपोर्ट के अनुसार, बीते 24 घंटे में 53 सैंपलों की जांच की गई, जिनमें दो लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। इससे एक दिन पहले यानी गुरुवार को हुई जांच में 20 नमूनों में से छह संक्रमित मिले थे। वहीं बुधवार को 27 नमूनों की जांच में सात लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
इस प्रकार पिछले तीन दिनों में Covid cases in Ranchi के आंकड़ों में क्रमिक वृद्धि देखी गई है और फिलहाल शहर में कुल 22 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है।
🧪 अब तक 505 लोगों की जांच, 39 पॉजिटिव केस
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, रांची में अब तक कुल 505 लोगों का कोविड टेस्ट किया जा चुका है। इनमें से 39 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। हालांकि राहत की बात यह है कि फिलहाल किसी भी संक्रमित की स्थिति गंभीर नहीं है और अधिकांश संक्रमित घर पर ही आइसोलेशन में रहकर ठीक हो रहे हैं।
डॉक्टरों के अनुसार, वर्तमान में कोरोना वायरस के जो मामले सामने आ रहे हैं, वे कम लक्षण वाले या बिना लक्षण वाले हैं। मरीजों को बुखार, गले में खराश और हल्की थकान की शिकायत हो रही है, जो सामान्य उपचार और आराम से 5 से 7 दिनों में ठीक हो जा रही है।

📌 सतत निगरानी में जुटा स्वास्थ्य विभाग
स्वास्थ्य विभाग की टीम संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सतत निगरानी में जुटी हुई है। संभावित संक्रमितों की पहचान के लिए कांटैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि संक्रमित व्यक्ति आइसोलेशन में रहे और उनके संपर्क में आए लोगों की समय रहते जांच हो।
रांची सिविल सर्जन कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्कता बेहद जरूरी हो गई है। टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट के तीन स्तंभों के सहारे स्वास्थ्य विभाग संक्रमण को नियंत्रित रखने की कोशिश कर रहा है।
कोविड JN.1 सब वैरिएंट क्या है?
JN.1, ओमिक्रॉन के BA.2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे ‘पिरोला’ भी कहा जाता है। इसे पहली बार अगस्त 2023 में देखा गया था। इसमें करीब 30 म्यूटेशन हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर करते हैं।
🔍 JN.1 के लक्षण हो सकते हैं:
| लक्षण | विवरण |
|---|---|
| सिरदर्द | लगातार हल्का या तेज सिरदर्द |
| बुखार | सामान्य या तेज बुखार |
| सूखी खांसी | बिना कफ की लगातार खांसी |
| आंखों में जलन | जलन, चुभन या पानी आना |
| स्वाद या गंध न आना | स्वाद और गंध की क्षमता में कमी |
| गले में खराश | निगलने में परेशानी या चुभन |
| नाक बहना या बंद होना | रुक-रुक कर सांस लेने में कठिनाई |
| थकान | कम ऊर्जा, शरीर भारी लगना |
| मांसपेशियों में दर्द | बदन टूटना, मांसपेशियों में जकड़न |
| दस्त या उल्टी | पेट की खराबी, अपच या उल्टी की शिकायत |
📌 नोट: JN.1 के लक्षण अन्य कोविड वैरिएंट्स जैसे ही होते हैं।
⚠️ जनता से अपील: “लापरवाही न करें, सजग रहें”
स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे कोरोना को हल्के में न लें। भले ही मामले कम हैं, लेकिन लापरवाही संक्रमण को तेजी से फैला सकती है। विभाग ने नागरिकों से मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और हाथों की स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी है।
विभाग के अनुसार, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का उपयोग अब भी एक जरूरी कदम है। खासकर बुजुर्ग, बीमार और बच्चों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। जिन लोगों को सर्दी-खांसी या बुखार जैसे लक्षण हैं, उन्हें तुरंत टेस्ट कराना चाहिए और दूसरों से दूरी बनानी चाहिए।

ढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) और रांची सदर अस्पताल ने कोरोना से निपटने की तैयारियां तेज कर दी हैं। रिम्स के क्रिटिकल केयर विंग में दो फ्लोर पर 10-10 बेड आरक्षित रखे गए हैं। इसके अलावा आइसोलेशन वार्ड में एक अलग विंग भी बनाया गया है।
सदर अस्पताल में 20 बेड कोरोना मरीजों के लिए सुरक्षित रखे गए हैं। जीवन रक्षक दवाओं का भंडारण बढ़ा दिया गया है। रिम्स के ओपीडी में जो मरीज कोरोना जैसे लक्षणों के साथ पहुंच रहे हैं, उन्हें तुरंत जांच कराने की सलाह दी जा रही है। यह सुनिश्चित किया गया है कि समय पर पहचान और उपचार मिल सके।
📢 सरकार का अलर्ट: मोबाइल पर पहुंच रहे मैसेज
झारखंड सरकार ने लोगों को कोरोना को लेकर सतर्क करने के लिए फिर से जनजागरूकता अभियान शुरू किया है। बुधवार से ही लोगों के मोबाइल नंबरों पर सरकार की ओर से मैसेज भेजे जा रहे हैं। इन संदेशों में बताया गया है कि देश के कई हिस्सों में Covid-19 के मामले बढ़ रहे हैं, और ऐसे में लापरवाही नहीं, सतर्कता जरूरी है।
मैसेज में नागरिकों से अपील की गई है कि वे भीड़भाड़ से बचें, मास्क का उपयोग करें और हाथों की स्वच्छता बनाए रखें। सरकार का उद्देश्य है कि लोगों को बिना डराए हुए जिम्मेदार बनाया जाए।
| टेस्ट का नाम | विवरण |
|---|---|
| एंटीजेन टेस्ट | यह टेस्ट जल्दी परिणाम देने के लिए ब्लड सैंपल से किया जाता है। यह लैब से बाहर किया जा सकता है। इससे शरीर में कोरोना का तुरंत पता लगाया जाता है। |
| सरकारी गाइडलाइन (एंटीजेन) | यदि एंटीजेन टेस्ट पॉजिटिव हो, तो अन्य टेस्ट की ज़रूरत नहीं होती। लेकिन यदि रिपोर्ट निगेटिव आए और संक्रमण की आशंका हो, तो आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना जरूरी होता है। |
| एंटीबॉडी टेस्ट | यह शरीर में मौजूद एंटीबॉडी को दर्शाता है, जो संक्रमण के बाद बनती हैं। यह पता नहीं चलता कि व्यक्ति अभी संक्रमित है या नहीं। यह पता करने के लिए कि व्यक्ति पहले संक्रमित हुआ था या नहीं, यह टेस्ट किया जाता है। |
| आरटी-पीसीआर टेस्ट | इसे रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेज़ चेन रिएक्शन कहा जाता है। यह सबसे विश्वसनीय और सटीक टेस्ट है, जिससे यह पता चलता है कि व्यक्ति संक्रमित है या नहीं। |
| एंटीबॉडी-एंटीजेन क्या है? | एंटीबॉडी शरीर में आने वाले बाहरी तत्व से लड़ने वाला सिस्टम है, जबकि एंटीजेन कोई वायरस, बैक्टीरिया, परजीवी या फंगस हो सकता है जो शरीर में आता है। |
| एंटीबॉडी-एंटीजेन में अंतर | एंटीजेन वह बाहरी तत्व है, जबकि एंटीबॉडी शरीर द्वारा बनाए जाने वाला सुरक्षा तंत्र है जो वायरस से रक्षा करता है। |
| दोनों एक-दूसरे के विपरीत | एंटीजेन शरीर को बीमार करता है, एंटीबॉडी शरीर को सुरक्षा देती है। |
🧑⚖️ प्रशासन सख्त: रांची डीसी ने जारी किया अलर्ट
रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कोविड मामलों में हल्की वृद्धि को देखते हुए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाए रखना जरूरी है।
डीसी ने प्रशासनिक अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि निगरानी लगातार बनी रहे और संभावित हॉटस्पॉट क्षेत्रों पर विशेष नजर रखी जाए।
🧾 कोविड नियमों का पालन ही सुरक्षा का मार्ग
विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल कोरोना के मामले नियंत्रण में हैं लेकिन हालिया आंकड़े बताते हैं कि संक्रमण पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। इससे निपटने के लिए जागरूकता और जिम्मेदार व्यवहार बेहद जरूरी है।
Covid cases in Ranchi को देखते हुए अगर हर नागरिक कोविड प्रोटोकॉल का पालन करे तो न केवल अपने लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
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