विक्रम मिसरी पर ट्रोलिंग से विवाद गहराया: ओवैसी ने दी सफाई, पाकिस्तान पर फिर बरसे
भारत-पाक संघर्ष विराम के बाद विदेश सचिव मिसरी को ट्रोल किया गया। ओवैसी ने उनका बचाव किया और IMF, पाकिस्तान व अमेरिका पर जमकर हमला बोला।

New Delhi : भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम की घोषणा के बाद देश के विदेश सचिव विक्रम मिसरी सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना कर रहे हैं। ट्रोलिंग से परेशान होकर उन्होंने अपना X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट प्राइवेट कर लिया है। इस पूरे घटनाक्रम पर AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने उनका बचाव करते हुए कहा कि मिसरी एक “ईमानदार और मेहनती अफसर” हैं और नीति-निर्णयों की ज़िम्मेदारी राजनीतिक नेतृत्व की होती है, अफसरों की नहीं।
ओवैसी ने हैदराबाद प्रेस क्लब में संवाद के दौरान कहा, “विक्रम मिसरी एक समर्पित राजनयिक हैं। उन्हें निशाना बनाना गलत है। जो निर्णय लिए जा रहे हैं, वे सरकार की ओर से हैं, किसी एक अफसर के नहीं।”
संघर्ष विराम पर ओवैसी की चिंता
ओवैसी ने एक दिन पहले X पर भी लिखा था कि “भारत को पहलगाम हमले के दोषियों की तलाश जारी रखनी चाहिए। जब तक पाकिस्तान अपनी ज़मीन आतंकियों को देता रहेगा, शांति एक भ्रम रहेगी।”
उन्होंने संघर्ष विराम की घोषणा को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए कि “यह घोषणा किसी विदेशी राष्ट्रपति के बजाय प्रधानमंत्री मोदी को करनी चाहिए थी।” ओवैसी ने भारत की विदेश नीति की दिशा पर चिंता जाहिर करते हुए पूछा कि क्या अमेरिका यह गारंटी दे सकता है कि पाकिस्तान अब अपनी ज़मीन का दुरुपयोग नहीं करेगा?
FATF और IMF को लेकर भी साधा निशाना
ओवैसी ने FATF (Financial Action Task Force) को पाकिस्तान पर सख्ती जारी रखने की अपील की और कहा कि “इस देश को ग्रे लिस्ट से हटाना आतंक के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को कमजोर करेगा।” उन्होंने IMF द्वारा पाकिस्तान को दिए गए 1 बिलियन डॉलर लोन को “आतंकी फंड” करार दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि अमेरिका, जर्मनी और जापान जैसे देश इस पर सहमति क्यों दे रहे हैं।
“पाकिस्तान खुद को इस्लामी देश कहता है, लेकिन उसकी नीतियां भारत में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की दिशा में हैं। उन्हें खुद अपनी अर्थव्यवस्था नहीं चलानी आती और दुनिया को इस्लाम समझा रहे हैं।”
परमाणु हथियारों पर चिंता
ओवैसी ने पाकिस्तान को वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए यह मांग भी रखी कि “विश्व समुदाय को विचार करना चाहिए कि क्या ऐसे देश के पास परमाणु हथियार सुरक्षित हैं?” उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में आतंकी हॉस्पिटल्स को भी निशाना बना रहे हैं, और इस परिस्थिति में देश को अपनी सेना के साथ खड़े होने की जरूरत है।
