झारखंड आंदोलन के पुरोधा ‘दिशोम गुरु’ Shibu Soren पंचतत्व में विलीन, हजारों लोगों ने कहा अंतिम जोहार!
Shibu Soren को रामगढ़ स्थित उनके पैतृक गांव नेमरा में राजकीय सम्मान के साथ दी गयी अंतिम विदाई

Jan-man Desk
रांची । झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के संस्थापक शिबू सोरेन (Shibu Soren) का मंगलवार को उनके पैतृक गांव नेमरा में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। ‘दिशोम गुरु’ के नाम से विख्यात आदिवासी नेता को उनके पुत्र एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुखाग्नि दी। इस अवसर पर गुरुजी के छोटे पुत्र बसंत सोरेन, परिजन, झामुमो कार्यकर्ता और हजारों समर्थक भावुक विदाई देने पहुंचे।
दिल्ली से नेमरा तक भावुक विदाई यात्रा
शिबू सोरेन (Shibu Soren) का निधन सोमवार, 4 अगस्त को सर गंगाराम अस्पताल, दिल्ली में हुआ था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देशभर के नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सोमवार शाम को उनका पार्थिव शरीर विशेष विमान से रांची लाया गया, जहां बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर हज़ारों लोगों ने ‘दिशोम गुरु’ के अंतिम दर्शन किए।

विधानसभा से विदाई, नेमरा में अंतिम संस्कार
मंगलवार को उनके पार्थिव शरीर को झारखंड विधानसभा लाया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधानसभा अध्यक्ष और अन्य मंत्रियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उनका शव नेमरा गांव के लिए रवाना हुआ। मार्ग में हजारों लोग अपने नेता को अंतिम विदाई देने सड़कों पर खड़े दिखे।
नेमरा के श्मशान घाट पर उन्हें राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन किया गया। ‘दिशोम गुरु अमर रहें’ के नारों के बीच लोगों की आंखें नम थीं।

आदिवासी अस्मिता और संघर्ष के प्रतीक
शिबू सोरेन (Shibu Soren) न केवल झारखंड आंदोलन के प्रमुख स्तंभ थे, बल्कि उन्होंने आदिवासी समुदाय के अधिकारों की लड़ाई को राष्ट्रीय पटल तक पहुँचाया। वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने और लंबे समय तक केंद्र सरकार में भी मंत्री रहे। उनके प्रयासों से झारखंड को राज्य का दर्जा मिला और आदिवासी समाज को एक मजबूत नेतृत्व।
झारखंड ने खोया अपना जननायक
उनकी अंतिम यात्रा में शामिल लोगों ने कहा कि ‘दिशोम गुरु’ केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि एक विचारधारा थे, जिन्होंने हाशिए पर खड़े लोगों की आवाज को संसद तक पहुँचाया। उनके निधन को झारखंड के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया जा रहा है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा,
“गुरुजी का मार्गदर्शन और संघर्ष की भावना हमेशा हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी।”
राहुल, खरगे और तेजस्वी ने नेमरा में दी विदाई
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी नेमरा पहुंचे, जहां उन्होंने दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन को अंतिम विदाई दी। भारी जनसैलाब और श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण, उनके काफिले को जाम का सामना करना पड़ा और वे कुछ देर तक फंसे रहे।

जाम में फंसे तो बाइक से पहुंचे अर्जुन और सुदेश
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो दिशोम गुरु शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बाइक से श्मशान घाट पहुंचे। वहीं, गुरुजी को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोग श्रद्धा और सम्मान के साथ करीब सात किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे। यह दृश्य उनकी लोकप्रियता और जनसंपर्क का अद्वितीय उदाहरण था।
