अब ठेकेदार ही मजदूरों के भाग्यविधाता : सरयू राय
खीरू महतो बोले – वह समय दूर नहीं, जब मजदूर ढूंढ़ने से भी नहीं मिलेंगे

Jamshedpur : असंगठित मजदूरों की लगातार बिगड़ती हालत पर चिंता जताते हुए जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने कहा है कि अब मजदूरों की तकदीर सरकारें नहीं, ठेकेदार लिख रहे हैं। राज्य और केंद्र दोनों सरकारें मजदूरों के सवाल पर संवेदनहीन हैं। राय ने सवाल उठाया कि क्या मजदूर अब सिर्फ शोषण और असुरक्षा के लिए ही पैदा होते रहेंगे?
अवसर था जनता दल (यूनाइटेड) की ओर से मजदूर दिवस पर आयोजित सम्मान समारोह का।
राय ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों की तादाद तेजी से बढ़ी है, लेकिन उन्हें सामाजिक सुरक्षा देने की कोई ठोस पहल नहीं की गई। “उदारीकरण के बाद संगठित मजदूर घटते गए और असंगठित मजदूर बढ़ते गए – न उन्हें पीएफ मिला, न ईएसआई।” सरयू राय ने इस बात पर भी चिंता जताई कि कई कंपनियां यूनियन तक खुद बनवा रही हैं। जैसे ही यूनियन उनके खिलाफ आवाज़ उठाती है, उसकी मान्यता खत्म कर दी जाती है। राय ने कहा – “अब मजदूरों की परिभाषा बदल रही है, और इस बदलाव को न समझना बड़ी भूल होगी।”
राज्यसभा सांसद व जदयू प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो ने भी चेताया।
उन्होंने कहा, “एक वक्त आएगा, जब मजदूर नहीं मिलेंगे। आज हालात ऐसे हैं कि मजदूरी तय करने के वक्त कोई मजदूर प्रतिनिधि नहीं होता। सरकारें मजदूरों की एकसमान मजदूरी की फिक्र नहीं करतीं।” महतो ने कहा कि असंगठित मजदूरों के पास पैसे तो हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में वे उसका उपयोग नहीं कर पाते। उन्होंने मांग की कि मजदूरों का आइडेंटिटी कार्ड जारी हो और उनकी शिक्षा व संगठन पर गंभीरता से काम किया जाए।
सम्मेलन में जदयू के सैकड़ों कार्यकर्ता और नेता मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान जदयू के सभी प्रकल्पों के पदाधिकारियों का सम्मान भी किया गया।
