क्या पाकिस्तान में रेडिएशन फैल गया है?
पाकिस्तान के किराना हिल्स में रेडिएशन लीक की अफवाहें सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल रही हैं। क्या भारत के ऑपरेशन सिंदूर का इससे कोई संबंध है? जानिए पूरी पड़ताल।
किराना हिल्स, ऑपरेशन सिंदूर और अफवाहों की क्या है सच्चाई?

News Desk : क्या भारत-पाक तनाव के बीच पाकिस्तान में परमाणु रिसाव (रेडिएशन लीक) की कोई सच्चाई है? सोशल मीडिया पर तेजी से फैलती खबरों में दावा किया जा रहा है कि किराना हिल्स की गुप्त सुरंगों में धमाका हुआ है, जिससे रेडिएशन लीक हो गया है।
लोगों का कहना है कि पाकिस्तान के कुछ इलाकों में सिरदर्द, उल्टी, कमजोरी और थकावट जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। वहीं आरोप यह भी है कि पाकिस्तान की सेना और सरकार इसे छिपा रही है।
कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि अमेरिकी विमान पाकिस्तान पहुंचे हैं ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। सवाल उठता है—अगर रेडिएशन फैला है तो भारत के सीमावर्ती क्षेत्र भी क्या सुरक्षित हैं?
💥 ऑपरेशन सिंदूर और किराना हिल्स का संबंध?
भारत के कथित ऑपरेशन सिंदूर के बाद ही इन खबरों ने जोर पकड़ा। माना जाता है कि भारत ने इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के कुछ संवेदनशील ठिकानों को निशाना बनाया।
किराना हिल्स, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा जिले में स्थित है और इसे ‘ब्लैक माउंटेन’ के नाम से भी जाना जाता है। यह पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम का हिस्सा रहा है, जहां 1980 के दशक से सुरंगों और बंकरों का निर्माण किया गया था।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत किराना हिल्स को भी टारगेट किया गया। यही वजह है कि डीजीएमओ की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आई “स्माइली” प्रतिक्रिया को कुछ लोग अप्रत्यक्ष स्वीकारोक्ति मान रहे हैं।
🧪 क्या वाकई रेडिएशन लीक हुआ? लक्षण क्या होते?
अगर वाकई किसी न्यूक्लियर साइट से रेडिएशन लीक हुआ होता, तो इसके प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखते:
- उल्टी और सिरदर्द
- स्किन बर्न और अंगों की विफलता
- बेहोशी या तात्कालिक मौत
- लंबी अवधि में कैंसर, बांझपन, जन्म दोष
रेडिएशन से प्रभावित इलाकों की हवा, मिट्टी और पानी जहरीले हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में WHO और IAEA जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां सक्रिय हो जाती हैं, राहत टीमें भेजी जाती हैं, और आपात चेतावनियां जारी होती हैं।
लेकिन फिलहाल ऐसा कुछ भी न अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों में है, न ही फ्लाइट रडार या सैटेलाइट गतिविधियों में।

📄 वायरल दस्तावेज़: फर्जी या असली?
सोशल मीडिया पर एक कथित रिपोर्ट वायरल हो रही है जिसमें पाकिस्तान की हेल्थ एजेंसी NSRD का ज़िक्र है। दावा किया गया है कि किराना हिल्स से रेडिएशन लीक हुआ है।
जब इस दस्तावेज़ की पड़ताल की गई तो पाया गया कि न तो NSRD नाम की कोई सरकारी एजेंसी पाकिस्तान में मौजूद है, और न ही डॉक्यूमेंट की भाषा, टोन और तथ्य विश्वसनीय हैं। कई स्पेलिंग गलतियां और तथ्यात्मक अशुद्धियाँ हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह फर्जी दस्तावेज है।
🧠 तो क्या यह सूचना युद्ध है?
संभावना है कि यह सब एक इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर यानी सूचना युद्ध का हिस्सा हो। भारत की सर्जिकल रणनीति, युद्धविराम की अचानक घोषणा, और अमेरिकी विमानों की मौजूदगी ने इन अफवाहों को हवा दी है।
लेकिन जब तक किसी आधिकारिक स्रोत से पुष्टि नहीं होती, तब तक यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि वाकई कोई रेडिएशन लीक हुआ है।
🔍 क्या सच, क्या अफवाह?
- भारत, पाकिस्तान या अमेरिका—किसी ने रेडिएशन लीक की पुष्टि नहीं की है।
- किसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने अभी तक कोई चेतावनी जारी नहीं की है।
- वायरल दस्तावेजों की विश्वसनीयता संदेहास्पद है।
- रेडिएशन जैसी गंभीर घटना होती, तो दुनिया की नजरें वहीं टिकी होतीं।
इसलिए फिलहाल इसे एक अफवाह या मनोवैज्ञानिक दबाव की रणनीति माना जाए, जब तक कि ठोस प्रमाण सामने न आ जाए।
