झारखंड में भर्तियों का संकट : JPSC, JSSC में उलझा है युवाओं का भविष्य
JPSC मेन्स का रिजल्ट 10 माह से अटका, JSSC CGL जांच में, शिक्षक बहाली पर विवाद। जानिए क्यों हताश हैं झारखंड के युवा अभ्यर्थी।

News Desk
Ranchi : जेपीएससी सिविस सर्विस की मेंस परीक्षा का रिजल्ट 10 महीने से लटका है, जेएसएससी की परीक्षाएं जांच में फंसी हैं, और विश्वविद्यालयों के शिक्षकों की बहाली को लेकर अलग ही खेल चल रहा है। युवाओं की जिंदगी आयोगों की निष्क्रियता और सरकार की वादाखिलाफी की बलि चढ़ रही है।
सिविल सेवा मेंस परीक्षा का 10 महीने से लटका है रिजल्ट
झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की 11वीं से 13वीं सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का परिणाम अभी तक लटका है। 342 पदों पर नियुक्ति होनी है। प्रारंभिक परीक्षा का नतीजा 22 अप्रैल 2024 को आया और 7 हजार 011 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के लिए चुने गये थे। आयोग के कैलेंडर के अनुसार मुख्य परीक्षा का परिणाम अगस्त 2024 में घोषित होना था, लेकिन जेपीएससी की पूर्व अध्यक्ष डॉ. मेरी नीलिमा केरकेट्टा 22 अगस्त 2024 को रिटायर हो गयीं और छह माह तक अध्यक्ष का पद खाली पड़ा रहा। परिणाम में देरी से नाराज परीक्षार्थी लगातार आंदोलन चला रहे हैं। सड़क से सोशल मीडिया तक कोशिश कर ली। अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल, जेपीएससी का पिंडदान, ट्विटर पर अभियान सब चला लिया। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है. छह महीने से खाली जेपीएससी के अध्यक्ष की कुरसी पर जब 27 फरवरी 2025 को पूर्व मुख्य सचिव एल ख्यांग्ते को जेपीएससी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया, तो अभ्यर्थियों में उम्मीद जगी कि अब तो नतीजा आ ही जाएगा। लेकिन उनकी नियुक्ति के भी दो–ढाई महीने बीच गये, लेकिन आयोग ने मेंस परीक्षा का रिजल्ट रोके रखा है, जिससे परीक्षार्थी निराश हैं। 14वीं सिविल सेवा परीक्षा का विज्ञापन भी जारी नहीं हो पा रहा है।
तरह-तरह की अफवाहों से परेशान हैं अभ्यर्थी
इधर परीक्षार्थी अफवाहों से परेशान हैं। कुछ परीक्षार्थियों ने मुझे फोन करके बताया कि उनके सुनने में आया है कि सरकार 11वीं जेपीएससी की पूरी अधियाचना ही वापस ले सकती है। अब इसमें कितनी सच्चाई है, ये तो मुझे नहीं पता, लेकिन जिस परीक्षा का रिजल्ट 31 जुलाई 2024 के बाद कभी भी जारी होने की बात खुद जेपीएससी ने नोटिस जारी करके कही थी, उसी जेपीएससी ने सन्नाटा खींच रखा है। 10 महीने बीतने को आये हैं। परीक्षार्थी परेशान हैं कि वे उम्मीद रखें या छोड़ दें। वैसे भी परीक्षार्थी झारखंड में सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं को लेकर आशंकित ही रहते हैं और जेएसससी सीजीएल की परीक्षा की सीआईडी जांच की रिपोर्ट ने धांधली की पुष्टि कर दी है, तो परीक्षार्थी काफी ज्यादा आशंकित हैं।
आशंकित हैं 700 से ज्यादा नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर
इधर जेपीएससी में राज्य के विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 2404 पदों के लिए जेट परीक्षा का विज्ञापन निकालने की तैयारी है। राज्य के प्रमुख विश्वविद्यालयों और इनके अधीन महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक के कुल 4317 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 2808 पद अभी भी खाली हैं। राज्य में लंबे समय से असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति नहीं हुई है। इधर राज्य में 700 से ज्यादा नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर इस बात को लेकर आंदोलन की तैयारी में हैं कि पहले उन्हें समायोजित किया जाये, उसके बाद जेट की परीक्षा ली जाये. उन्हें इस बात का डर है कि जेट के माध्यण से सीटें भर जाने के बाद उनकी सेवा समाप्त कर दी जायेगी। उनका कहना है कि उनकी नियुक्ति भी यूजीसी के नियमों और झारखंड सरकार के आरक्षण के नियमों के अनुसार हुई है। इसलिए उनकी सेवा नियमित की जाये। जबकि सरकार ने घोषणा की है कि इन 700 आवश्यकता-आधारित प्राध्यापकों को भर्ती में वेटेज और उम्र में छूट दी जाएगी तथा जेपीएससी अधिसूचना में संशोधन किया जायेगा। लेकिन 700 से अधिक नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर इसका विरोध कर रहे हैं। उनका दावा है कि 2017-18 से सेवा दे रहे हैं और यूजीसी नियमों के अनुसार नियुक्त हुए हैं। नीड बेस्ड टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. त्रिभुवन साही ने साफ कहा—पहले हमें समायोजित कीजिए, फिर नयी परीक्षा लीजिए! राज्य सरकार कह रही है कि वेटेज और आयु सीमा में छूट दी जाएगी, लेकिन नीति आज तक बनी नहीं। JET की प्रासंगिकता पर भी सवाल उठ रहा है—जब NET पास युवा मौजूद हैं, तो JET क्यों? एसोसिएशन ने याद दिलाया कि पिछली जेट परीक्षा 17 साल पहले हुई थी और उससे जुड़ा घोटाला आज भी सीबीआई जांच के दायरे में है।
अपने ही वायदों को पूरा नहीं कर पायी है सरकार
झारखंड सरकार लगातार यह भरोसा दिलाती रही है कि वह भर्ती परीक्षाओं को समयबद्ध तरीके से आयोजित करने और पारदर्शी बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है, लेकिन वह अपने ही भरोसे पर खरा उतर पाने में असफल रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकार गठन के बाद प्रेस वार्ता में कहा था कि वे 1 जनवरी 2025 से पहले अगले वर्ष होनेवाली सभी भर्ती परीक्षाओं का परीक्षा कैलेंडर जारी करेंगे और लंबित परीक्षाओं के परिणाम जल्दी जारी करवाएंगे। उन्होंने विशेष रूप से जेपीएससी व जेएसएससी की परीक्षाओं का उल्लेख किया और कहा कि इनकी अधित्तर बहालियों के लिए अंतिम तिथि से पहले ऐलान होगा। चुनाव से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने घोषणा पत्र में भी कहा था कि शिक्षकों और बाकी पदों की भर्ती में समयबद्धता सुनिश्चित की जाएगी और नये भर्ती कैलेंडर 2025 से पहले जारी होंगे। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग JSSC की CGL सहित कई परीक्षाओं के परिणाम भी लटके हैं। CGL पेपर लीक के आरोपों के चलते झारखंड हाईकोर्ट ने इसके परिणामों की घोषणा रोकी हुई है। राज्य सरकार ने अदालत में बताया है कि इस मामले की सीआईडी जांच जारी है और तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गयी है। जांच अगले एक माह में पूरी होने की संभावना है।
अभी जो हालात हैं उसमें नियुक्ति परीक्षाओं की लचर प्रक्रिया से झारखंड के युवाओं में भारी निराशा है। अभ्यर्थी लंबे समय से परीक्षाएं नहीं होने और परिणाम न आने को लेकर चिंतित हैं और आयोगों और सरकार पर तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं।
