November 22, 2025

Jharkhand में 8 IPS अफसरों को अतिरिक्त प्रभार देने का आदेश रद्द, गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर नाराजगी जतायी

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झारखंड में डीजीपी नियुक्ति विवाद: हाईकोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार से मांगा जवाब

8 IPS

Ranchi : झारखंड में पुलिस व्यवस्था से जुड़ी दो अहम घटनाएं आज एक साथ सामने आयी हैं। खबर है कि गृह विभाग ने 10 जून को पुलिस मुख्यालय द्वारा 8 IPS अधिकारियों को सौंपे गए अतिरिक्त प्रभार के आदेश को रद्द कर दिया है और इसे नियमविरुद्ध बताया है। वहीं दूसरी तरफ, झारखंड में डीजीपी नियुक्ति को लेकर दायर याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य सरकार, केंद्र सरकार और अन्य संबंधित पक्षों को जवाब दाखिल करने के लिए एक बार फिर समय दिया गया, क्योंकि किसी भी पक्ष की ओर से जवाबी पक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया।


अतिरिक्त प्रभार पर गृह विभाग का कड़ा रुख

समाचार पोर्टल न्यूजविंग की खबर है कि 10 जून 2025 को झारखंड पुलिस मुख्यालय ने राज्य के आठ आईपीएस अधिकारियों को विभिन्न पदों का अतिरिक्त प्रभार सौंपा था। लेकिन कुछ ही दिनों में गृह विभाग ने इस आदेश को न सिर्फ खारिज कर दिया, बल्कि इसे प्रक्रिया विरोधी करार देते हुए पुलिस मुख्यालय को नियमों के पालन की सख्त चेतावनी भी दी।

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गृह विभाग द्वारा पुलिस महानिदेशक (DGP) को भेजे गए पत्र में साफ कहा गया कि किसी अधिकारी को अस्थायी रूप से अतिरिक्त कार्यभार देने की स्थिति में यदि अवधि एक महीने तक सीमित हो, तो मुख्य सचिव की अनुमति अनिवार्य है। वहीं, यदि वह कार्यकाल एक माह से अधिक हो, तो मुख्यमंत्री से पूर्व सहमति ली जानी चाहिए।

विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले कुछ समय से पुलिस मुख्यालय द्वारा भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को बिना सक्षम प्राधिकार के अतिरिक्त प्रभार सौंपने की प्रवृत्ति बढ़ी है, जो नियमों का उल्लंघन है। इसी आधार पर 10 जून को जारी आदेश को “नियमविरुद्ध और प्रक्रियात्मक रूप से असंगत” बताते हुए रद्द कर दिया गया।

किन अधिकारियों को क्या प्रभार दिया गया था:

  • सौरभ (जैप-10 कमांडेंट) को जैप-1 का अतिरिक्त प्रभार।
  • कपिल चौधरी (धनबाद ग्रामीण एसपी) को जैप-3 कमांडेंट का जिम्मा।
  • राजकुमार मेहता (जामताड़ा एसपी) को आईआरबी-1 की जिम्मेदारी।
  • सुमित अग्रवाल (चतरा एसपी) को आईआरबी-3 का प्रभार।
  • हरीश बिन जमा (गुमला एसपी) को आईआरबी-5 का दायित्व।
  • मुकेश कुमार (गोड्डा एसपी) को आईआरबी-8 की जिम्मेदारी।
  • ऋत्विक श्रीवास्तव (सिटी एसपी धनबाद) को रेल एसपी धनबाद की जिम्मेदारी।
  • ऋषभ गर्ग (जमशेदपुर ग्रामीण एसपी) को रेल एसपी जमशेदपुर का अतिरिक्त प्रभार।

हाईकोर्ट में डीजीपी नियुक्ति विवाद की सुनवाई

इसी बीच आज झारखंड हाईकोर्ट में राज्य के पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने दायर की है। अदालत ने राज्य सरकार, केंद्र सरकार, डीजीपी और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) समेत अन्य पक्षों को जवाब दाखिल करने के लिए एक और मौका दिया है, क्योंकि आज किसी भी पक्ष की ओर से लिखित जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया।

8 IPS पुलिस

बाबूलाल मरांडी की ओर से अधिवक्ता शैलेश पोद्दार ने पिछली सुनवाई में बताया था कि अनुराग गुप्ता को 25 जुलाई 2024 को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया था, जो सुप्रीम कोर्ट के 3 जुलाई 2018 के निर्देशों के खिलाफ है। इसके बाद 28 नवंबर 2024 को विधानसभा चुनाव समाप्त होने पर तत्कालीन डीजीपी अजय कुमार सिंह को हटाकर अनुराग गुप्ता को स्थायी डीजीपी बना दिया गया, जिसे भी नियमों के उल्लंघन के रूप में चिन्हित किया गया है।

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याचिका का मूल तर्क क्या है?

याचिका में कहा गया है कि डीजीपी की नियुक्ति प्रक्रिया केवल UPSC द्वारा अनुशंसित पैनल के माध्यम से ही होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि जब तक राज्य सरकार इस विषय में अलग से कोई कानून नहीं बनाती, तब तक डीजीपी की नियुक्ति UPSC की अनुशंसा के आधार पर ही की जाए।

हालांकि झारखंड सरकार ने अब एक नई नियुक्ति नियमावली लागू की है, जिसके तहत एक “नॉमिनेशन कमेटी” गठित की गई। इसी समिति की सिफारिश पर अनुराग गुप्ता को स्थायी डीजीपी बनाया गया। याचिकाकर्ता ने इस पूरी प्रक्रिया को संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के विपरीत बताया है।

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