Israel-Iran War में अमेरिका की एंट्री? ट्रंप बोले – ईरान का आसमान अब हमारे कंट्रोल में, खामेनेई को अभी नहीं मारेंगे
Israel-Iran War : ट्रंप का साहसिक बयान बना वैश्विक चिंता का कारण, ईरान ने तेल अवीव में मोसाद मुख्यालय पर किया पलटवार

Israel-Iran War : इजराइल और ईरान के बीच छिड़ा युद्ध अब एक अंतरराष्ट्रीय मोड़ ले चुका है। पांचवे दिन भी दोनों देशों के बीच मिसाइलों की आवाजाही और हमलों का सिलसिला जारी है। लेकिन इस युद्ध में नया मोड़ तब आया जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि “अब ईरान का पूरा आसमान अमेरिका के नियंत्रण में है।”
ट्रंप के बयानों ने अमेरिका की सक्रिय भूमिका पर खड़े किए सवाल
डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार रात अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर तीन पोस्ट किए। इन बयानों में उन्होंने न सिर्फ ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई को निशाने पर लिया, बल्कि यह भी कहा कि अमेरिका को अच्छी तरह पता है कि वह कहां छिपे हैं।
“हम उन तक आसानी से पहुंच सकते हैं, लेकिन हम अभी उन्हें मारने नहीं जा रहे… कम से कम अभी नहीं।”
इसके बाद ट्रंप ने “Unconditional Surrender” यानी ‘बिना शर्त आत्मसमर्पण’ की मांग करते हुए युद्धविराम की बजाय ईरान से सीधे हथियार डालने को कहा।

इन पोस्ट्स के सामने आने के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या अमेरिका अब इस युद्ध में इजराइल के साथ सीधे तौर पर शामिल हो चुका है? मध्य पूर्व में युद्ध की आशंका और अधिक गहराती दिख रही है।
ईरान का बड़ा पलटवार: मोसाद और AMAN पर मिसाइल अटैक
ट्रंप के दावों से कुछ ही घंटे पहले ईरान ने इजराइल के तेल अवीव स्थित मोसाद (Mossad) मुख्यालय और सैन्य खुफिया एजेंसी AMAN की बिल्डिंग पर हवाई हमला किया। यह हमला सीधा संकेत है कि ईरान अब रणनीतिक ठिकानों को निशाना बना रहा है और युद्ध को लंबे समय तक खींचने की तैयारी में है।
ईरान के डिप्टी कमांडर की मौत: कमान संभालने के चार दिन बाद शहीद
इजराइली हमले में ईरान के खतम-अल-अनबिया हेडक्वार्टर्स के नवनियुक्त डिप्टी कमांडर मेजर जनरल अली शादमानी की मौत हो गई। उन्होंने मात्र चार दिन पहले जनरल गुलाम अली राशिद की जगह यह पद संभाला था, जिनकी 13 जून को इजरायली मिसाइल हमले में हत्या हो चुकी है।
खतम-अल-अनबिया मुख्यालय, ईरान की सबसे महत्वपूर्ण युद्धकालीन सैन्य कमान है जो वॉर टाइम एयर डिफेंस, मिसाइल रणनीति और सभी तरह की मिलिट्री कोऑर्डिनेशन को देखती है।
ईरानी सैन्य नेतृत्व के प्रमुख चेहरे – इजरायली हमले में मारे गए
🔹 1. मेजर जनरल मोहम्मद बशेरी
🔸रोल: ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ (सेना और रिवोल्यूशनरी गार्ड)।
🔸महत्व: अयातुल्ला खामेनेई के बाद देश के दूसरे सबसे बड़े सैन्य अधिकारी।
🔸बैकग्राउंड: 1980 में IRGC में शामिल हुए, ईरान-इराक युद्ध में लड़े। अक्टूबर 2024 के मिसाइल हमलों में रणनीतिक भूमिका निभाई।
🔹 2. जनरल हुसैन सलामी
🔸रोल: इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर-इन-चीफ।
🔸बैकग्राउंड: 1980 से IRGC में, ईरान-इराक युद्ध में सक्रिय भागीदारी।
🔹 3. ब्रिगेडियर जनरल अमीर अली हाजीजादेह
🔸रोल: IRGC की एयरोस्पेस फोर्स के प्रमुख। मिसाइल और ड्रोन अभियानों के प्रमुख रणनीतिकार।
🔸बैकग्राउंड: अक्टूबर 2024 के इजरायली हमलों की योजना में मुख्य भूमिका।
🔹 4. जनरल गुलाम अली राशिद
🔸रोल: ईरानी सेना के डिप्टी कमांडर, खातम-अल-अनबिया हेडक्वार्टर्स के प्रमुख।
🔸बैकग्राउंड: सीनियर IRGC अधिकारी, ईरान-इराक युद्ध में सक्रिय भूमिका।
🔹 5. जनरल गुलाम रेजा मेहराबी
🔸रोल: जनरल स्टाफ में खुफिया विभाग के डिप्टी हेड।
🔸बैकग्राउंड: ईरानी खुफिया व्यवस्था के प्रमुख, हिज़बुल्लाह जैसे प्रॉक्सी नेटवर्क की निगरानी करते थे।
🔹 6. जनरल मेहदी रब्बानी
🔸रोल: सशस्त्र बलों के ऑपरेशंस डिपार्टमेंट के डिप्टी हेड।
🔸बैकग्राउंड: सैन्य अभियानों के योजनाकार, ड्रोन और मिसाइल ऑपरेशन्स के मास्टरमाइंड।
🔹 7. मोहम्मद काज़मी
🔸रोल: IRGC के खुफिया संगठन के प्रमुख। आंतरिक सुरक्षा और धार्मिक नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना।
🔸बैकग्राउंड: महसा अमीनी की हत्या के बाद विरोधियों पर कार्रवाई की अगुवाई की।
🔹 8. मेजर जनरल अली शामखानी
🔸रोल: डिप्टी कमांडर और खातम-अल-अनबिया हेडक्वार्टर्स के चीफ।
🔸बैकग्राउंड: खामेनेई के बेहद करीबी, IRGC और सेना दोनों में रणनीतिक जिम्मेदारियों में शामिल।
पांच दिनों में भारी नुकसान: दोनों पक्षों में सैकड़ों जानें गईं
अब तक के आंकड़ों के अनुसार:
- ईरान:
224 लोगों की मौत और 1,481 लोग घायल - इजराइल:
24 मौतें और 600 से अधिक लोग घायल
ईरान ने अब तक जवाबी कार्रवाई में तेल अवीव, हाइफा और इजराइल के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। जबकि इजराइल की ओर से ताबड़तोड़ हवाई हमले किए जा रहे हैं।
जॉर्डन की चेतावनी: इजराइली हमले से मिडिल ईस्ट में गहराया संकट
किंग अब्दुल्ला द्वितीय का यूरोपीय संसद में संबोधन
जॉर्डन के शासक किंग अब्दुल्ला ने यूरोपीय संसद को संबोधित करते हुए कहा कि ईरान पर इजराइल का हमला पूरे मध्य पूर्व में तनाव को खतरनाक स्तर तक ले जा सकता है।
किंग अब्दुल्ला ने कहा :
“इजराइली आक्रामक कार्रवाई के बाद यह निश्चित नहीं है कि यह युद्ध किस सीमा तक फैलेगा। यह संघर्ष अब सिर्फ एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि दुनिया के हर कोने में रहने वाले लोगों के लिए खतरा बन सकता है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब ईरान और इजराइल के बीच सैन्य झड़पें तेज़ हो गई हैं, और अमेरिका की कथित भागीदारी को लेकर अटकलें तेज़ हो रही हैं। जॉर्डन क्षेत्रीय स्थिरता का एक संतुलित स्तंभ माना जाता है, और किंग अब्दुल्ला की इस तरह की सार्वजनिक चेतावनी मध्य पूर्व में उभरते संकट की गंभीरता को दर्शाती है।
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