आज का विश्लेषण | भारत-पाक तनाव: ‘एस्केलेशन सीढ़ी’ पर चौथा चरण पार, क्या अगला कदम पूर्ण युद्ध?
पिछले 17 दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव अब ‘एस्केलेशन लैडर’ के चौथे चरण तक पहुंच चुका है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से इसकी शुरुआत हुई थी। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर 7 मई को एयरस्ट्राइक की। इसके बाद 8 मई को पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य अड्डों पर मिसाइल और ड्रोन हमले करने की कोशिश की, जिसे भारत ने अपने S-400 सिस्टम से नाकाम कर दिया।
अब सवाल यह उठता है कि क्या दोनों देश पूर्ण युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं?
भारत-पाक तनाव: क्या अगला कदम पूर्ण युद्ध है? समझिए एस्केलेशन लैडर के 7 चरण

New Delhi : पिछले 17 दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव अब ‘एस्केलेशन लैडर’ के चौथे चरण तक पहुंच चुका है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से इसकी शुरुआत हुई थी। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर 7 मई को एयरस्ट्राइक की। इसके बाद 8 मई को पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य अड्डों पर मिसाइल और ड्रोन हमले करने की कोशिश की, जिसे भारत ने अपने S-400 सिस्टम से नाकाम कर दिया।
अब सवाल यह उठता है कि क्या दोनों देश पूर्ण युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं?
एस्केलेशन लैडर क्या है?
‘एस्केलेशन लैडर’ एक रक्षा सिद्धांत है, जिसे 1965 में अमेरिकी सैन्य रणनीतिकार हर्मन कान ने विकसित किया था। यह सिद्धांत बताता है कि कैसे दो देशों के बीच तनाव धीरे-धीरे बढ़ते-बढ़ते पूर्ण युद्ध और फिर संभावित परमाणु संघर्ष तक पहुंच सकता है। इसे 7 प्रमुख चरणों में समझा जाता है:
- बयानबाजी और कूटनीतिक विरोध
- राजनयिक संबंधों में कटौती
- सैन्य तैयारियां और धमकियां
- सीमित सैन्य कार्रवाई
- पूर्ण युद्ध
- आंशिक परमाणु युद्ध
- पूर्ण परमाणु विनाश
भारत-पाकिस्तान वर्तमान में किस स्टेज पर हैं?
भारत और पाकिस्तान फिलहाल चौथे चरण में हैं—सीमित सैन्य कार्रवाई:
अब तक की घटनाओं का क्रम:
- 22 अप्रैल 2025: पहलगाम आतंकी हमला
- 23 अप्रैल: भारत की कड़ी राजनयिक प्रतिक्रिया — सिंधु जल संधि रद्द, डिप्लोमैट्स की वापसी
- अप्रैल अंत: दोनों देशों ने सैन्य अभ्यास और मिसाइल परीक्षण तेज किए
- 7 मई: भारत ने PoK और पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की
- 8 मई: पाकिस्तान का जवाबी हमला — भारत के 15 सैन्य ठिकानों पर ड्रोन/मिसाइल अटैक, S-400 से नाकाम
क्या जंग शुरू हो चुकी है?
विशेषज्ञों के मुताबिक स्थिति “जंग जैसी” जरूर है, पर पूर्ण युद्ध नहीं।
रिटायर्ड ले. जनरल रामेश्वर रॉय कहते हैं:
“कोई देश युद्ध का औपचारिक ऐलान नहीं करता, घटनाओं की श्रृंखला और जवाबी प्रतिक्रिया ही युद्ध का संकेत देती है।”
रि. एयर वाइस मार्शल ओम प्रकाश तिवारी का मत है:
“हालात बेहद तनावपूर्ण हैं, पर इसे अभी पूर्ण युद्ध नहीं कहा जा सकता।”
पूर्ण युद्ध कब माना जाता है?
- जब थलसेना, वायुसेना और नौसेना तीनों सक्रिय रूप से मोर्चे पर उतरती हैं
- जब टारगेट्स अंधाधुंध और रणनीतिक दोनों होते हैं
- जब आम नागरिक भी युद्ध के प्रभाव में आते हैं
कारगिल युद्ध (1999) एक सीमित युद्ध था, लेकिन अगर मौजूदा तनाव और बढ़ा तो पूर्ण युद्ध की आशंका प्रबल हो जाती है।
ऑपरेशन और युद्ध में अंतर:
| विशेषता | ऑपरेशन | पूर्ण युद्ध |
|---|---|---|
| उद्देश्य | सीमित लक्ष्य को खत्म करना | विरोधी देश को अपनी शर्तें मानने को मजबूर करना |
| टारगेट | विशेष सैन्य ठिकाने | व्यापक सैन्य, आर्थिक और नागरिक ठिकाने |
| रणनीति | सीमित हमले, कम कोलैट्रल डैमेज | बड़े हमले, व्यापक विनाश की आशंका |
| उदाहरण | बालाकोट स्ट्राइक, ऑपरेशन सिंदूर | कारगिल युद्ध, 1971 का भारत-पाक युद्ध |
