November 22, 2025

Rahul Gandhi ने महाराष्ट्र चुनाव को ‘मैच फिक्सिंग’ बताया तो, चुनाव आयोग बोला – पहले बैठक से भागी कांग्रेस, अब रेफरी को दोष दे रही

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने नवम्बर 2024 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को ‘मैच-फिक्सिंग’ करार देते हुए भाजपा और चुनाव आयोग में सांठगांठ का आरोप लगाया है। राहुल ने कहा कि भाजपा ने लोकतंत्र की प्रक्रिया में हेराफेरी करके अपने पक्ष में परिणाम गढ़े ndtv.com। उन्होंने इससे जुड़ी पांच मुख्य अनियमितताओं को रेखांकित करते हुए सवाल उठाए हैं। इस बीच चुनाव आयोग ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा है कि “मैच हारने के बाद रेफरी को दोष देना अब एक नयी और बेतुकी आदत बन चुकी है।”

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राहुल गांधी चुनाव आयोग

New Delhi : कांग्रेस नेता Rahul Gandhi (राहुल गांधी) ने नवम्बर 2024 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को ‘मैच-फिक्सिंग’ करार देते हुए भाजपा और चुनाव आयोग में सांठगांठ का आरोप लगाया है। राहुल ने कहा कि भाजपा ने लोकतंत्र की प्रक्रिया में हेराफेरी करके अपने पक्ष में परिणाम गढ़े ndtv.com। उन्होंने इससे जुड़ी पांच मुख्य अनियमितताओं को रेखांकित करते हुए सवाल उठाए हैं। इस बीच चुनाव आयोग ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा है कि “मैच हारने के बाद रेफरी को दोष देना अब एक नयी और बेतुकी आदत बन चुकी है।” आयोग ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को प्रशिक्षण देने की पेशकश की है, जिससे चुनाव प्रक्रिया से जुड़े संदेह दूर किए जा सकें।

राहुल गांधी ने जो पांच सवाल उठाये हैं, वे इस प्रकार हैं :

  • चुनाव आयोग की नियुक्ति समिति में हेराफेरी: राहुल गांधी ने तर्क दिया कि 2023 के चुनाव आयुक्त नियुक्ति अधिनियम ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को दो-तिहाई बहुमत में चुनाव आयोग के सदस्यों का चयन करना आसान कर दिया, जिससे निष्पक्षता प्रभावित हुई।
  • मतदाता सूची में नकली मतदाता जोड़ना: उन्होंने कहा कि मार्च 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले 9.29 करोड़ थी मतदाता संख्या, जो महज पांच महीनों में बढ़कर 9.70 करोड़ हो गई, जो असामान्य हैindianexpress.comndtv.com
  • मतदान प्रतिशत जानबूझकर बढ़ाया जाना: मतदान के दिन शाम 5 बजे तक 58.22% दर्ज था, लेकिन आखिरी रिपोर्ट में यह 66.05% तक पहुंचा, यानी 7.83% का अचानक उछाल—जो 76 लाख नए मतदाताओं के बराबर है।
  • निर्दिष्ट क्षेत्रों में ग़लत वोटिंग को लक्ष्य बनाना: महाराष्ट्र की करीब 1 लाख बूथों में से मुख्यतः 12,000 बूथों में ही वोट बढ़ाए गए, जहां भाजपा पिछली लोकसभा में पिछड़ रही थी; उदाहरण के लिए कामठी सीट पर भाजपा के वोटों में बड़े पैमाने पर वृद्धि हुई।
  • सबूतों को छुपाना: चुनाव आयोग ने इन आरोपों पर मौन रखा, वोटर लिस्ट छिपा कर रखी और मद्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी मतदान के सीसीटीवी फुटेज साझा नहीं किए।

राहुल गांधी ने आरोपों के मद्देनजर चुनाव आयोग से पारदर्शिता बढ़ाने की भी मांग की है। उन्होंने ट्विटर पर चुनाव आयोग को टकसाल कहते हुए कहा कि आयोग के संक्षिप्त और हस्ताक्षरहीन बयानों से काम नहीं चलेगाtimesofindia.indiatimes.comndtv.com। उन्होंने आयोग से निम्नलिखित कदम उठाने को कहा है :

  • एकीकृत डिजिटल मतदाता सूची प्रकाशित करना: सभी राज्यों के हाल के लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों की मशीन-पठनीय (machine-readable) मतदाता सूचियाँ जनता के लिए उपलब्ध कराएं।
  • सीसीटीवी फुटेज जारी करना: महाराष्ट्र के सभी मतदान केंद्रों के शाम 5 बजे के बाद के सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक किए जाएँ।

इन मांगों के पीछे राहुल गांधी का तर्क है कि “अगर छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो सवालों का जवाब देना चाहिए। सच्चाई बताए बिना अपनी विश्वसनीयता नहीं बचती”।

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राहुल गांधी चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को पूरी तरह निराधार बताते हुए पलटवार किया है। आयोग ने अपने पुराने बयान को दोहराते हुए कहा कि कोई भी पार्टी या उनके बूथ एजेंटों ने मतदान के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत नहीं की थी। आयोग ने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर राजनीतिक दलों के नियुक्त एजेंट मौजूद थे और कांग्रेस के 27,099 बूथ स्तरीय एजेंट भी पूरे दिन उपस्थित थे। मतदान समाप्ति के बाद मतदाता सूची को अंतिम रूप देने तक, कुल 9.77 करोड़ मतदाताओं के लिए केवल 89 अपीलें प्रथम श्रेणी अपीलीय अधिकारी (DM) के समक्ष और केवल 1 अपील CEO के समक्ष दायर हुईं, जो यह दर्शाता है कि किसी भी दल को मतदाता सूची पर कोई आपत्ति नहीं थी।

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि भारत में मतदान प्रक्रिया सरकारी कर्मचारियों द्वारा और सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में पारदर्शी रूप से होती है। आयोग ने कहा कि वोटों के दुर्भावनापूर्ण रूप से फर्जी होने से जुड़ी कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है तथा “चुनाव में अनियमितता फैलाना कानून का अपमान है”। आयोग ने चुनाव कर्मचारियों की निष्पक्षता पर भरोसा जताते हुए जोड़ दिया कि “निराधार आरोप चुनाव से जुड़े कर्मचारियों और लोकतंत्र की प्रतिष्ठा पर आघात है”।

इस बीच समाचार एजेंसी आईएएनएस ने चुनाव आयोग के सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि चुनाव आयोग (ECI) ने 15 मई को कांग्रेस पार्टी को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन कांग्रेस ने इस बैठक को बाद में रद्द कर दिया। ECI सूत्रों के अनुसार, आयोग ने कांग्रेस के कई बूथ लेवल एजेंट्स को प्रशिक्षण दिया है और वरिष्ठ नेताओं के लिए भी इसी तरह का प्रशिक्षण देने की पेशकश की है, जिससे चुनाव प्रक्रिया से जुड़े संदेह दूर किए जा सकें।

चुनाव आयोग के सूत्रों ने यह भी बताया कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा अपनी आपत्तियों को सीधे आयोग को पत्र लिखने के बजाय मीडिया के माध्यम से उठाना असामान्य है। आयोग का कहना है कि अगर उन्हें कोई चिंता या शंका है, तो वे उसे औपचारिक रूप से आयोग के समक्ष रखें।

राहुल गांधी चुनाव आयोग

भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी के आरोपों की तीखी आलोचना की है। भाजपा महासचिव तृणमूल सिँहा ने कहा, “राहुल गांधी अपनी अपमानजनक हरकतों पर लौट आए हैं; वह बार-बार संस्थाओं को बदनाम कर रहे हैं जबकि चुनाव आयोग पहले ही इन मुद्दों को विस्तार से सुलझा चुका है” ndtv.com। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे “बकवास” और “झूठ” करार देते हुए कहा कि राहुल भाजपा की जीत को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं और ऐसे अरोप लगाना मतदाताओं का अपमान है economictimes.indiatimes.com। भाजपा शासित उत्तर प्रदेश की एकमात्र सहयोगी पार्टी के उध्दव सेना के नेता (वर्तमान में महायुति गठबंधन में) मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी आरोपों को निराधार बताया और कहा कि जब महा विकास आघाड़ी ने लोकसभा चुनाव जीता था तब उन्होंने कुछ नहीं कहा था, अब विपक्ष झूठा प्रचार फैला रहा है।

बीजेपी ने मीडिया में यह भी कहा कि राहुल गांधी के दावे विदेशी एजेंडे (‘सोरोस की स्क्रिप्ट’) से प्रेरित हैं, और इन्हें राजनीतिक लाभ के लिए घड़ीगड़ा बयान बताया hindustantimes.com। इन प्रतिक्रियाओं में अक्सर यह तर्क दिया गया कि कांग्रेस अपनी हार की वास्तविक वजह तलाशने के बजाय इत्तफ़ाकिया तौर पर षड्यंत्र सिद्धांत फैला रही है।

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राहुल गांधी के आरोपों ने राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है। महाराष्ट्र कांग्रेस ने इन आरोपों का समर्थन करते हुए 12 जून को राज्यव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की है। कांग्रेस के मुताबिक पार्टी ने चुनाव आयोग के सामने सांख्यिकीय तथ्यों पर आधारित विस्तृत मामला रखा है, पर प्रधानमंत्री ने संसद में इस मुद्दे पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिय। कांग्रेस नेता यह भी पूछ रहे हैं कि पिछले चार चुनाव चक्रों में मतदान में औसतन सिर्फ 1% तक परिवर्तन होता था, लेकिन 2024 में 8% की वृद्धि हुई है – जिसे उन्होंने “तकनीकी खामी से अधिक” बताया।

दूसरी ओर भाजपा और उसके सहयोगी इसे राजनीतिक प्रचार बताया जा रहे हैं। राज्य सरकार का कहना है कि आयोग द्वारा चुनाव निष्पक्ष ढंग से कराए गए और जनता ने अपना फैसला दे दिया। सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि वह बिहार में अगले विधानसभा चुनावों में भी “मैच फिक्सिंग” की आशंका जता चुके हैं और पूरे मामले की जांच चाहते हैं।

इस विवाद ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता और विपक्षी दलों की चिंताओं को प्रमुखता से उजागर कर दिया है। चुनाव आयोग ने बार-बार अपनी पारदर्शिता पर जोर दिया है, जबकि विपक्ष इसे लोकतंत्र मजबूत करने की लड़ाई बता रहा है। सभी पक्षों के बयानों के आधार पर इस सवाल पर बहस बनी हुई है, और आगे मामले की निष्पक्ष जांच एवं मतदाता आंकड़ों की सार्वजनिक जांच पर ध्यान केंद्रित होगा hindustantimes.comndtv.com

स्रोत: राहुल गांधी के ‘मैच-फिक्सिंग’ आरोप, चुनाव आयोग के बयानों और भाजपा नेताओं की प्रतिक्रियाओं के संबंध में उपलब्ध समाचार रिपोर्टों का अध्ययनndtv.com, ndtv.com, hindustantimes.com

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