अप्रैल में GST संग्रह 2.37 लाख करोड़ रुपए, अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा

ई दिल्ली। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2025 में केंद्र सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स (GST) के माध्यम से 2.37 लाख करोड़ रुपए का रिकॉर्ड राजस्व इकट्ठा किया है। यह अब तक का सबसे अधिक मासिक संग्रह है। पिछले साल अप्रैल 2024 में यह आंकड़ा 2.10 लाख करोड़ रुपए था। इस प्रकार वार्षिक आधार पर 12.6 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
घरेलू लेनदेन से ₹1.90 लाख करोड़ की वसूली
आंकड़ों के मुताबिक, इस संग्रहण में सबसे बड़ा हिस्सा घरेलू लेन-देन से प्राप्त हुआ है, जहां से 1.90 लाख करोड़ रुपए की आमदनी हुई। इसमें साल दर साल 10.7% की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, आयात से GST के रूप में 46,913 करोड़ रुपए जुटाए गए, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 20.8% अधिक है।
रिफंड के बाद भी ₹2.09 लाख करोड़ रहा नेट कलेक्शन
सरकार ने इस महीने में 27,341 करोड़ रुपए की राशि बतौर रिफंड जारी की है। रिफंड की गणना के बाद भी शुद्ध GST संग्रह ₹2.09 लाख करोड़ रहा, जो कि जुलाई 2023 के मुकाबले 9.1% की बढ़ोतरी को दर्शाता है।
अर्थव्यवस्था की मजबूती का संकेत
KPMG इंडिया के नेशनल टैक्स हेड अभिषेक जैन के अनुसार, वित्तीय वर्ष के पहले महीने में रिकॉर्ड GST संग्रह यह दर्शाता है कि देश की घरेलू अर्थव्यवस्था सुदृढ़ है। अप्रैल के महीने में आमतौर पर कंपनियां वित्तीय वर्ष के अंतिम लेन-देन को निपटाती हैं, जिससे टैक्स फाइलिंग और कलेक्शन में बढ़ोतरी होती है।
GST लागू होने के 7 साल
देश में GST को 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था, जिससे पहले के 17 टैक्स और 13 उपकर समाप्त कर दिए गए थे। GST ने वैट, सेवा कर, उत्पाद शुल्क जैसी कर प्रणालियों की जगह ली और अब यह भारत की एकीकृत अप्रत्यक्ष कर प्रणाली बन चुका है।
GST की संरचना
GST को चार प्रमुख हिस्सों में बांटा गया है:
- CGST (Central GST): केंद्र सरकार द्वारा वसूला जाता है।
- SGST (State GST): राज्य सरकार के खाते में जाता है।
- IGST (Integrated GST): अंतरराज्यीय व्यापार और आयात पर लागू होता है।
- उपकर (Cess): विशेष वस्तुओं जैसे तंबाकू, कार आदि पर अतिरिक्त शुल्क के रूप में वसूला जाता है।
GST के तहत वर्तमान में 5%, 12%, 18% और 28% के चार स्लैब निर्धारित हैं।
