जेल से बाहर आये बाहुबली अनंत सिंह का बड़ा बयान, बोले – “हमरा टिकट तय है!”, इस सीट से कर रहे तैयारी

Patna : बिहार में इस साल के अंत में संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज़ हो गई है। तमाम राजनीतिक दल तैयारियों में जुटे हैं, लेकिन इस बीच मोकामा से पूर्व विधायक और चर्चित बाहुबली नेता अनंत सिंह का बयान राजनीतिक हलचल का कारण बन गया है।
हाल ही में अनंत सिंह एक दिन के लिए पैरोल पर जेल से बाहर आए। इस दौरान वे अपने पैतृक गांव लदमा में एक पारिवारिक शादी समारोह में शामिल हुए। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने साफ़-साफ़ कहा – “हमरा टिकट तो तय है, हमको किसी से पूछने की जरूरत नहीं है!” इस बयान ने बिहार की राजनीति में नया उबाल ला दिया है।
नीलम देवी के बाद अब खुद मैदान में उतरने की तैयारी?
गौरतलब है कि वर्तमान में मोकामा विधानसभा सीट से उनकी पत्नी नीलम देवी विधायक हैं। इससे पहले अनंत सिंह खुद कई बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं। उनके जेल जाने के बाद ही नीलम देवी ने उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधानसभा में कदम रखा था। मोकामा को लंबे समय से अनंत सिंह का गढ़ माना जाता रहा है। ऐसे में उनके दोबारा मैदान में उतरने की चर्चा अब ज़ोर पकड़ रही है।
चुनावी टिकट पर प्रतिक्रिया ने बढ़ाया सियासी तापमान
जब मीडिया ने उनसे यह पूछा कि क्या वे आगामी चुनाव में जेडीयू से टिकट मांगेंगे, तो उन्होंने तुरंत जवाब दिया, “हमरा टिकट तो है ही, पूछने का सवाल ही नहीं!” उनके इस बयान से साफ है कि वे अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर आत्मविश्वास से भरे हुए हैं।
वहीं, जब उनसे पूछा गया कि क्या वे चुनाव से पहले जेल से बाहर आ जाएंगे, तो उन्होंने जवाब दिया – “10-20 दिन में ही बाहर आ जाऊंगा।” हालांकि उन्होंने बाकी सवालों से बचने की कोशिश करते हुए कहा कि वह शादी में आए हैं, इसलिए इस अवसर को राजनीति से न जोड़ें।
अनंत सिंह इस मामले में हैं जेल में बंद
बता दें कि अनंत सिंह जनवरी 2025 से जेल में हैं। मोकामा के नौरंगा जलालपुर गांव में उनके समर्थकों और कुख्यात सोनू-मोनू गैंग के बीच हुए गैंगवार के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था। पंचमहला थाना क्षेत्र में इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी और बाद में दोनों पक्षों ने सरेंडर किया।
बिहार चुनाव 2025 से पहले उठा सियासी तापमान
बिहार की राजनीति में बाहुबली नेताओं की भूमिका हमेशा से चर्चित रही है। ऐसे में अनंत सिंह जैसे नेता का यह बयान कि “टिकट हमारा तय है,” सिर्फ मोकामा ही नहीं, पूरे बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकता है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या वे सचमुच जल्द जेल से बाहर आते हैं और कौन सी पार्टी उन्हें टिकट देती है। क्या वे फिर से जेडीयू के साथ दिखाई देंगे या कोई नया राजनीतिक समीकरण बनेगा – इस पर पूरे राज्य की नजरें टिकी हुई हैं
