Operation Mahadev से खत्म हुए पहलगाम हमले के गुनहगार, अमित शाह ने संसद में बताया पूरा एक्शन प्लान
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि Operation Mahadev के तहत पहलगाम हमले के तीनों आतंकियों को ढेर किया गया। पूरी रणनीति का किया खुलासा।
Operation Mahadev भारत की आतंकवाद-रोधी नीति में एक टर्निंग पॉइंट है

नई दिल्ली | लोकसभा में मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के बैसरन घाटी हमले में शामिल तीन आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि यह कार्रवाई “ऑपरेशन महादेव” (Operation Mahadev) के तहत की गई। शाह के मुताबिक, इन आतंकियों ने हमारे 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या की थी और अब उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचा दिया गया है।
मारे गए आतंकियों की पहचान और संगठन
गृहमंत्री ने बताया कि सुलेमान, फैज़ल अफगान और जिब्रान नाम के तीन आतंकी मुठभेड़ में ढेर किए गए।
- सुलेमान लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर था, जिसके खिलाफ कई ठोस सबूत मौजूद हैं।
- फैज़ल अफगान और जिब्रान को ‘ए-श्रेणी’ का वांछित आतंकी माना जाता था।
- ये तीनों पहलगाम हमले के सीधे आरोपी थे।
ऑपरेशन की रणनीति: 3 महीने की जासूसी, फिर सटीक वार
अमित शाह ने बताया कि 23 अप्रैल को उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक के बाद यह तय किया गया कि इन आतंकियों को किसी भी कीमत पर भागने नहीं दिया जाएगा, विशेष रूप से पाकिस्तान की ओर। 22 मई से 22 जुलाई तक सेना, IB और स्थानीय पुलिस के बीच गहन खुफिया समन्वय चला। सिग्नल इंटरसेप्शन, सेंसर ट्रैकिंग और मानवीय खुफिया (HUMINT) के मिश्रण से आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि की गई।
- 22 मई को खुफिया एजेंसियों को इन आतंकियों की दाछीगाम क्षेत्र में मौजूदगी का संकेत मिला।
- इसके बाद मई से जुलाई तक लगातार निगरानी और तकनीकी ट्रैकिंग की गई।
- 22 जुलाई को थर्मल सेंसर और अन्य तकनीक से आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि हुई।
- इसके बाद 28 जुलाई को ऑपरेशन महादेव के तहत इन्हें घेरा गया और मार गिराया गया।
पहचान और सबूत: शवों की पुष्टि से लेकर कारतूस की फॉरेंसिक जांच तक
- शाह ने बताया कि तीन स्थानीय चश्मदीदों ने आतंकियों के शव की पहचान की, लेकिन सरकार ने केवल उसी पर भरोसा नहीं किया।
- पहलगाम हमले के दौरान मिले कारतूसों की FSL जांच पहले ही कराई गई थी। मारे गए आतंकियों के पास जो हथियार मिले—एक अमेरिकी और दो AK-47 राइफलें—उनके कारतूसों का FSL मिलान करने के बाद पुष्टि हुई कि यही हथियार पहलगाम हत्याकांड में इस्तेमाल हुए थे।
- चंडीगढ़ की फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट इस मिलान को पुख्ता करती है।
पाकिस्तान लिंक: वोटर आईडी से लेकर चॉकलेट तक
शाह ने सदन में बताया कि दो आतंकियों के पास पाकिस्तानी वोटर कार्ड नंबर पाए गए हैं, जो उनके पाकिस्तानी होने का सीधा प्रमाण हैं।
- इसके अतिरिक्त, उनके पॉकेट से मिली चॉकलेट भी पाकिस्तान में बनी थी, जिसे सरकार ने सबूत के तौर पर जब्त किया है।
स्थानीय मददगार भी गिरफ्तार
गृह मंत्री अमित शाह का संसद में स्पष्ट संदेश था कि “हमारे 26 पर्यटकों की हत्या को भूला नहीं गया और न ही छोड़ दिया गया।” ऑपरेशन महादेव इस नैरेटिव का मूर्त रूप है कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं देता, बल्कि प्रतिशोध की रणनीति भी रखता है। गृहमंत्री के मुताबिक, जिन आतंकियों ने इस नृशंस घटना को अंजाम दिया, उनकी स्थानीय मदद करने वालों की भी पहचान कर ली गई है। दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है और उनसे पूछताछ जारी है।
ऑपरेशन महादेव — आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई
सरकार ने “ऑपरेशन महादेव” के तहत यह दिखा दिया कि आतंकी चाहे जितना छुपें, भारतीय एजेंसियां उनका अंत सुनिश्चित करेंगी। इस सफल ऑपरेशन के ज़रिए न केवल पीड़ितों के परिजनों को न्याय मिला, बल्कि दुनिया को यह संदेश भी गया कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
ऑपरेशन महादेव भारत की आतंकवाद-रोधी नीति में एक टर्निंग पॉइंट है। यह संदेश देता है कि —
❝ आतंकियों के लिए अब वक्त नहीं, बल्कि जवाब तय होता है। ❞
❝ भारत अब इंतजार नहीं करता — वह तलाशता है, ट्रैक करता है और खत्म करता है। ❞
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