Anti Naxal Operation : गुमला में जेजेएमपी के जोनल कमांडर दिलीप समेत तीन नक्सली ढेर, एके-47 समेत तीन हथियार बरामद
Anti Naxal Operation : झारखंड के गुमला जिले में पुलिस और झारखंड जगुआर ने संयुक्त ऑपरेशन में जेजेएमपी के तीन नक्सलियों को मार गिराया। एके-47 और इंसास रायफल समेत भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए। मुठभेड़ के बाद जंगल में सर्च ऑपरेशन तेज़।z

Anti Naxal Operation : बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए घाघरा के जंगल में जुटे थे नक्सली
Anti Naxal Operation News : झारखंड के गुमला जिले में नक्सल विरोधी अभियान के तहत एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। गुमला पुलिस और झारखंड जगुआर के संयुक्त ऑपरेशन में प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (JJMP) के तीन सक्रिय उग्रवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया है। यह कार्रवाई जिले के घाघरा थाना क्षेत्र के जंगलों में शुक्रवार को अंजाम दी गई, जहां नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के उद्देश्य से जुटे हुए थे।
इनपुट के आधार पर शुरू हुआ ऑपरेशन
गुमला एसपी हरीश बिन जमा को गुप्त सूचना मिली थी कि जेजेएमपी का सब जोनल कमांडर दिलीप लोहरा अपने दस्ते के साथ घाघरा जंगल क्षेत्र में मौजूद है और किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहा है। इस इनपुट के बाद गुमला पुलिस और झारखंड जगुआर की टीमों ने इलाके की घेराबंदी की और संयुक्त रूप से सर्च ऑपरेशन शुरू किया।

मुठभेड़ में तीन नक्सली ढेर, हथियार बरामद
जैसे ही सुरक्षाबलों ने जंगल में दस्ते के करीब पहुँचने की कोशिश की, उग्रवादियों ने पुलिस को देखकर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में कई राउंड गोलियां चलीं, और मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गए। मारे गए नक्सलियों में एक की पहचान सब जोनल कमांडर दिलीप लोहरा के रूप में हुई है, जो जेजेएमपी के संगठनात्मक ढांचे में एक प्रमुख चेहरा माना जाता था।
घटनास्थल से तीन हथियार भी बरामद किए गए हैं, जिनमें एक AK-47 राइफल, दो INSAS राइफलें, एक SLR (सेल्फ-लोडिंग राइफल) और बड़ी मात्रा में कारतूस और विस्फोटक सामग्री शामिल है। सुरक्षाबलों ने इसे हाल के दिनों की एक बड़ी सफलता करार दिया है।
गुमला एसपी हरीश बिन जमा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि –
“यह ऑपरेशन पूर्णतः सूचना आधारित था और सुरक्षाबलों ने बेहद साहस और रणनीतिक कौशल का परिचय देते हुए नक्सलियों को जवाब दिया। ऑपरेशन अब भी जारी है और इलाके में अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं।“

जंगल में सर्च ऑपरेशन अब भी जारी
मुठभेड़ के बाद से ही सुरक्षाबलों ने इलाके को पूरी तरह घेर लिया है और सघन सर्च ऑपरेशन जारी है। आशंका है कि नक्सलियों का अन्य हिस्सा अब भी जंगल में छिपा हुआ हो सकता है। जंगलों की टोपोग्राफी और जोखिम को देखते हुए सर्च ऑपरेशन को बेहद सतर्कता के साथ अंजाम दिया जा रहा है।
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JJMP की गतिविधियों पर लगाम कसने की कोशिश
गौरतलब है कि झारखंड जनमुक्ति परिषद (JJMP) झारखंड के विभिन्न जिलों में सक्रिय एक प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन है, जो लेवी वसूली, धमकी, हत्या और सुरक्षाबलों पर हमलों के लिए कुख्यात रहा है। हाल के वर्षों में इस संगठन की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए राज्य पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीमें लगातार अभियान चला रही हैं।
गुमला, लोहरदगा, लातेहार और चतरा जैसे जिलों में JJMP के खिलाफ कार्रवाईयों में तेजी आई है। इसी वर्ष 24 मई को झारखंड पुलिस और सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में जेजेएमपी के शीर्ष नेता पप्पू लोहरा और प्रभात गंझू मारे गए थे। उनके मारे जाने के बाद लवलेश गंझू ने संगठन की कमान संभाली थी, लेकिन उसने भी 15 जुलाई को लातेहार पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। बीते कुछ महीनों में जेजेएमपी के कुल 11 शीर्ष कमांडरों ने आत्मसमर्पण किया है।
JJMP के मनोहर परहिया, चंदन प्रसाद, पप्पू साहू, बैजनाथ सिंह, तुलसी गंझू, प्रमोद गंझू, प्लैन्दर गंझू और अखिलेश कोरवा जैसे दस लाख तक के इनामी नक्सलियों ने या तो आत्मसमर्पण किया या पुलिस कार्रवाई में मारे गए। इन कार्रवाइयों से जेजेएमपी का नेटवर्क बुरी तरह बिखरता जा रहा है।
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