Saina Nehwal Divorce : साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप का रिश्ता टूटा, 7 साल बाद बैडमिंटन की यह जोड़ी अब अलग
Saina Nehwal Divorce : भारत के दो पूर्व नंबर-1 बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप ने 2018 में शादी की थी. दोनों लंबे समय तक रिश्ते में थे और फिर शादी कर अपने फैंस को खुशखबरी दी थी.

Saina Nehwal Divorce : भारतीय बैडमिंटन की सबसे चर्चित जोड़ियों में से एक – साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप – अब एक-दूसरे से अलग हो चुके हैं। यह जानकारी खुद साइना ने देर रात इंस्टाग्राम स्टोरी के माध्यम से दी। उन्होंने लिखा, “बहुत सोचने-समझने के बाद, हमने अलग होने का कठिन लेकिन जरूरी निर्णय लिया है।”
इस भावुक पोस्ट में उन्होंने आगे कहा, “कभी-कभी ज़िंदगी हमें ऐसे रास्तों पर ले जाती है जहाँ साथ चलना मुश्किल हो जाता है। हम दोनों अब अपने-अपने जीवन में आगे बढ़ने और मानसिक शांति की ओर बढ़ने का विकल्प चुन रहे हैं। मैं कश्यप के साथ बिताए पलों के लिए आभारी हूं और उन्हें उनके आगे के जीवन के लिए शुभकामनाएं देती हूं।”
2007 से रिश्ता, 2018 में शादी
साइना और कश्यप का रिश्ता कोई अचानक बना रिश्ता नहीं था। दोनों की मुलाकात हैदराबाद के पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी में 2005 में हुई थी। यहीं से उनकी दोस्ती शुरू हुई, जो 2007 तक एक प्रेम संबंध में बदल गई। करीब 11 वर्षों तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद 14 दिसंबर 2018 को दोनों ने शादी कर ली। शादी हैदराबाद में एक पारिवारिक समारोह में हुई थी, जिसमें सिर्फ करीबी लोग मौजूद थे।
इसके बाद 16 दिसंबर को हैदराबाद के एक प्रतिष्ठित होटल में रिसेप्शन का आयोजन किया गया था। इस हाई-प्रोफाइल समारोह में खेल और फिल्मी जगत की जानी-मानी हस्तियां शामिल हुई थीं, जिनमें नागार्जुन, रकुल प्रीत, ज्वाला गुट्टा और किदांबी श्रीकांत जैसे नाम प्रमुख हैं।

साइना – भारत की स्टार शटलर
हरियाणा की साइना नेहवाल भारतीय बैडमिंटन की पहली महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलिंपिक में पदक जीतकर इतिहास रचा। 2012 लंदन ओलिंपिक में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। यही नहीं, वे 2015 में विमेंस सिंगल्स की वर्ल्ड नंबर-1 खिलाड़ी भी बनीं – यह उपलब्धि पाने वाली भारत की पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं।
साइना ने 2010 और 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीते। साल 2008 में उन्होंने वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप जीती और उसी वर्ष बीजिंग ओलिंपिक में डेब्यू करते हुए क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। 2009 में उन्होंने BWF सुपर सीरीज जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनकर एक और उपलब्धि अपने नाम की।
उन्हें 2009 में अर्जुन पुरस्कार, 2010 में राजीव गांधी खेल रत्न और 2016 में पद्म भूषण जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाज़ा गया।
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पारुपल्ली कश्यप – दृढ़ता की मिसाल
तेलंगाना के रहने वाले पारुपल्ली कश्यप ने भी बैडमिंटन की दुनिया में अहम मुकाम हासिल किया है। उन्होंने 2014 के ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीता। 32 वर्षों बाद किसी भारतीय पुरुष खिलाड़ी ने यह उपलब्धि हासिल की थी।

2012 लंदन ओलिंपिक में वे क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बने। 2013 में उन्होंने विश्व रैंकिंग में छठा स्थान हासिल किया, जो उनके करियर की सर्वोच्च रैंकिंग रही।
कश्यप ने बैडमिंटन की शिक्षा प्रकाश पादुकोण और पुलेला गोपीचंद – दोनों से ली। हालांकि चोटों की वजह से वे लंबे समय तक अपने फॉर्म को बनाए नहीं रख सके, लेकिन उन्होंने हमेशा एक समर्पित खिलाड़ी की छवि बनाए रखी।
क्या कहता है यह अलगाव?
साइना और कश्यप की जोड़ी केवल एक शादीशुदा जीवन नहीं थी, बल्कि यह एक ऐसी साझेदारी थी जिसमें दोनों ने एक-दूसरे की सफलता की नींव में अहम भूमिका निभाई। अब जबकि यह रिश्ता समाप्त हो गया है, दोनों की व्यक्तिगत और पेशेवर यात्रा एक नए अध्याय की ओर बढ़ेगी।
इस अलगाव के साथ एक युग का अंत जरूर हुआ है, लेकिन यह भी एक उदाहरण है कि जीवन में परिपक्वता और व्यक्तिगत शांति को प्राथमिकता देना कितना जरूरी है। दोनों खिलाड़ियों ने अपने-अपने तरीके से देश को गर्व दिलाया है, और अब उनके लिए एक नई शुरुआत का समय है।
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