इस शहर में 2 हफ्ते में 900 बार भूकंप के झटके, क्या आने वाली है भयंकर तबाही!
जापान के टोकरा द्वीपों में सिर्फ 14 दिनों में आए 900 से ज़्यादा भूकंप झटकों ने स्थानीय लोगों की नींद उड़ा दी है। क्या यह किसी बड़े भूकंप की चेतावनी है?
14 दिन में 900 बार हिली ज़मीन! जापान के टोकरा द्वीप में रह रहे 700 लोग डर और तनाव में जी रहे हैं। क्या यह किसी बड़े भूकंप की आहट है? पूरी रिपोर्ट पढ़ें :
Tokara Island 900 Seismic Activity : एक मामूली भूकंप भी हमें घबराकर घर से बाहर निकलने पर मजबूर कर देता है। ऐसे में सोचिए उन लोगों की हालत, जिन्होंने महज 14 दिनों के भीतर करीब 900 बार भूकंप के झटके महसूस किए हों। दक्षिणी जापान की टोकरा द्वीप श्रृंखला में बीते दो हफ्तों से ज़मीन लगातार कांप रही है, जिससे वहां के निवासियों की रातों की नींद उड़ चुकी है।जापान की मौसम एजेंसी (JMA) ने जानकारी दी है कि क्यूशू क्षेत्र के दक्षिण में स्थित टोकरा द्वीपों के पास बुधवार दोपहर करीब 3:30 बजे 5.5 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके बाद एक आपातकालीन प्रेस कॉन्फ्रेंस भी बुलाई गई। हालांकि, अभी तक इन झटकों से किसी गंभीर नुकसान की खबर नहीं है।

900 झटकों के बाद भी नहीं थमा कंपन
भूकंप और सुनामी निगरानी विभाग के निदेशक अयाताका एबिटा ने कहा कि 21 जून से इस क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियां काफी तेज़ हो गई हैं और 10 जुलाई की शाम तक कुल 900 से अधिक भूकंप दर्ज किए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ये झटके कब तक जारी रहेंगे, इसका अनुमान लगाना फिलहाल संभव नहीं है।
रातों की नींद उड़ी, लोग बोले – हर वक्त लगता है जैसे ज़मीन हिल रही है
टोकरा गांव की आधिकारिक वेबसाइट पर बताया गया कि वहां रहने वाले लोग नींद नहीं ले पा रहे हैं और लगातार कंपन के कारण मानसिक और शारीरिक रूप से थक चुके हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “लगता है जैसे ज़मीन हर समय हिल रही हो। नींद लेना अब डरावना हो गया है।”एक अन्य व्यक्ति ने चिंता जताई कि अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो उन्हें अपने बच्चों को सुरक्षित जगह पर भेजने पर विचार करना पड़ सकता है।
पहले भी आ चुकी है ऐसी स्थिति
टोकरा क्षेत्र में इससे पहले सितंबर 2023 में भी इसी तरह की स्थिति देखी गई थी, जब 346 भूकंप रिकॉर्ड किए गए थे। कुल 12 द्वीपों में से सात पर आबादी है, और वहां लगभग 700 लोग रहते हैं।अधिकतर भूकंप हल्के दर्ज किए गए हैं, लेकिन नुकसान की आशंका भूकंप के केंद्र और गहराई पर निर्भर करती है। गौरतलब है कि इसी साल नए साल के दिन नोटो प्रायद्वीप में आए शक्तिशाली भूकंप ने लगभग 600 लोगों की जान ले ली थी।
निगाहें अब आने वाले समय पर टिकी हैं — क्या यह किसी बड़े खतरे का संकेत है?
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