बिहार की राजनीति में बड़े बदलाव की आहट,राजद की नई सियासी रणनीति ने मचायी हलचल!

Patna : 2025 के विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और राष्ट्रीय जनता दल यानी राजद ने एक बड़ा सियासी दांव खेला है। इस बार फोकस है—राजपूत समाज पर! डॉ. सुनील कुमार सिंह, राजद के वरिष्ठ एमएलसी और बिस्कोमान के पूर्व अध्यक्ष, अब पार्टी में नई भूमिका निभा रहे हैं।
28 साल से पार्टी के समर्पित नेता रहे डॉ. सिंह अब राजपूत समाज से संवाद और समन्वय का जिम्मा संभाल रहे हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले जब रामा सिंह, प्रभुनाथ सिंह और आनंद मोहन जैसे बड़े राजपूत चेहरे राजद से दूर हुए, तो पार्टी के लिए बड़ा झटका था। लेकिन अब आरजेडी डैमेज कंट्रोल मोड में है । सूत्रों के मुताबिक, डॉ. सुनील कुमार सिंह ने अब तक 15 से ज़्यादा प्रभावशाली राजपूत चेहरों को चिन्हित कर लिया है जिन्हें पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में उतार सकती है। याद रहे कि 2020 के विधानसभा चुनाव में भी जिन राजपूत उम्मीदवारों को जीत मिली थी, उनके पीछे भी डॉ. सिंह की भूमिका अहम थी।
“डॉ. सुनील कुमार सिंह कहते हैं—’राजपूत किसी के गुलाम नहीं हैं… जहां सम्मान मिलेगा, वहीं रहेंगे। राजद ने हमें सम्मान दिया है, और आगे भी मजबूत चेहरों को टिकट मिलेगा।”
तेजस्वी यादव की नई टीम में डॉ. सिंह की भूमिका अब सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि पूरी तरह से रणनीतिक है। राजद अब यादव-मुस्लिम समीकरण से आगे बढ़कर एक व्यापक सामाजिक गठबंधन की तैयारी में है।
तो क्या अगली विधानसभा में राजद के साथ एक नया सामाजिक संतुलन उभरेगा? क्या राजपूत समाज का भरोसा राजद जीत पाएगा? यह तो आने वाला वक्त बताएगा। सवाल यह भी पूछे जाने लगे हैं कि क्या राजद अपनी सोशल इंजीनियरिंग में कामयाब होगा?
