JMM ने बिहार विधानसभा की 12 सीटों पर दावा ठोका, राजद की चिंता बढ़ी

Ranchi : झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), जो झारखंड की सबसे बड़ी सत्तारूढ़ पार्टी है, बिहार विधानसभा चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमाने की योजना बना रही है। पार्टी ने राजद से गठबंधन धर्म के तहत 12 विधानसभा सीटों की मांग की है, हालांकि यह जानकारी अभी तक आधिकारिक नहीं है। जेएमएम की इस इच्छा से राजद की चिंता बढ़ गई है, जो बिहार चुनाव में अपनी स्थिति को लेकर पहले से ही विचार कर रही थी। जेएमएम और महागठबंधन के सहयोगी दलों, खासकर राजद और कांग्रेस के बीच पिछले छह महीनों से बिहार विधानसभा चुनाव में हिस्सेदारी को लेकर चर्चा चल रही है। हाल में रांची में हुए जेएमएम के महाधिवेशन में इस मुद्दे पर गहरी चर्चा हुई।
बिहार विधानसभा चुनाव में जेएमएम की दावेदारी
जेएमएम का तर्क है कि बिहार के सीमावर्ती विधानसभा क्षेत्रों में उनकी पार्टी का अच्छा जनाधार है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, जेएमएम जिन सीटों पर दावेदारी कर सकती है, उनमें तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, रामपुर, बनमखनी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई शामिल हैं।
2020 में अकेले लड़ा था चुनाव
जेएमएम यह भी कहता है कि यह पहली बार नहीं है जब पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव में उतरने जा रही है। इससे पहले 2020 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम ने अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन एक भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका। चकाई से एलीजाबेथ सोरेन, झाझा से अजीत कुमार, कटोरिया से अंजेला हांसदा, मनीहारी से फूलमणी हेम्ब्रम और धमदाहा से अशोक कुमार हांसदा जैसे उम्मीदवार पार्टी ने मैदान में उतारे थे।
बिहार में जनाधार का दावा
जेएमएम का कहना है कि पार्टी का बिहार में भी जनाधार है, और इसी आधार पर वह चुनाव में हिस्सेदारी की मांग कर रही है। पार्टी के पदाधिकारी उम्मीद करते हैं कि महागठबंधन के अन्य सहयोगी दल उनकी दावेदारी पर ध्यान देंगे और चुनाव से पहले इस पर गंभीर चर्चा करेंगे।
झारखंड विधानसभा के सीट बंटवारे से उम्मीदें
बिहार में जेएमएम की दावेदारी के पीछे झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान सीटों के बंटवारे का भी एक आधार है। 2020 में जेएमएम ने राजद पर कई आरोप लगाते हुए अकेले दम पर चुनाव लड़ा था, लेकिन कोई भी उम्मीदवार चुनाव जीतने में सफल नहीं हो सका। झारखंड में गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल को छह विधानसभा सीटें मिली थीं। इनमें देवघर, गोड्डा, कोडरमा, चतरा, विश्रामपुर और हुसैनाबाद सीटें शामिल थीं। जेएमएम को उम्मीद है कि बिहार में भी राजद और कांग्रेस गठबंधन धर्म का पालन करेगा।
लालू और शिबू सोरेन का पुराना तालमेल
राजद और जेएमएम के बीच तालमेल कितना मजबूत होगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन दोनों दलों के नेताओं के बीच पुराना संबंध है। झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रमुख शिबू सोरेन की वजह से ही लालू प्रसाद यादव बिहार में सत्ता में आए थे। दोनों के बीच का यह रिश्ता हमेशा चर्चा में रहा है, और यह भी एक कारण हो सकता है कि बिहार चुनाव में जेएमएम राजद से सीटों की मांग कर रहा है।
